जाम दरवाजा (गेट) भारत के मध्य प्रदेश राज्य के खरगोन जिले की महेश्वर तहसील में विंध्याचल पर्वतमाला पर स्थित एक पर्यटक स्थल है। यह महू-मंडलेश्वर रोड (अब खरगोन-इंदौर राज्य राजमार्ग क्रमांक 1) पर है। यह महू से लगभग 30 किमी, इंदौर से 50 किमी, महेश्वर से 33 किमी और जिला मुख्यालय खरगोन से 75 किमी दूर है। जाम दरवाजा मालवा-निमाड़ का प्रवेश द्वार है।

Jam Gate
जाम दरवाजा
Tourist Attraction
Jam Gate
Jam Gate
उपनाम: Jam Ghat
Jam Gate is located in मध्य प्रदेश
Jam Gate
Jam Gate
Location of Jam Gate in Madhya Pradesh
Jam Gate is located in भारत
Jam Gate
Jam Gate
Jam Gate (भारत)
निर्देशांक: 22°21′26″N 75°44′08″E / 22.3571413°N 75.7355582°E / 22.3571413; 75.7355582निर्देशांक: 22°21′26″N 75°44′08″E / 22.3571413°N 75.7355582°E / 22.3571413; 75.7355582

मालवा और निमाड़ की सीमा पर बसे गांव जाम में यह विशाल ऐतिहासिक दरवाजा बना हुआ है जिसका निर्माण अहिल्याबाई होलकर ने 1791 में कराया था। गांव के नाम से ही इस दरवाजे का नाम जाम दरवाजा रखा गया।[1]

अहिल्याबाई होलकर इस मार्ग का उपयोग महेश्वर से इंदौर जाने के लिए करती थीं महेश्वर और इंदौर आने जाने वाले सबसे कम दुरी के रास्ते के बीच में पहाड़ी के मुहाने पर यह गेट इस तरह बनाया गया था कि रास्ते के दोनों तरफ नजर रखी जा सके इतिहास में इस दरवाज़े का खास महत्व मिलता है | यहीं से सेनाओं का आना-जाना होता था और इसे एक चेक पॉइंट के तौर पर बनाया गया था | इस दरवाजे पर खड़े होकर सैनिक निमाड़ में पहाड़ी की तराई में होने वाली हलचल पर आसानी से नजर रख सकते थे जाम गेट को निमाड़-मालवा का प्रवेश द्वार भी कहा जाता है।

द्वार का निर्माण कार्य

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महेश्वर से इंदौर आ रही अहिल्या माता की पालकी यहां जाम घाट पर रात्रि विश्राम के लिए रूकी थी। इस दौरान यहां जाम घाट पर मालवा से निमाड़ के बीच आवाजाही करने वाली बैलगाड़ी व घुड़सवारों से यहां रहने वाला मराठा गणपत राव कर वसूलता था। अहिल्या माता जब यहां रात रूकने पहुंची तो गणपत राव ने जीतना भी कर वसूला था वह सब अहिल्या माता के चरणों में रख दिया व उन्हें इस कर से राजघाट के विकास करने की बात कही। जिस पर अहिल्या माता ने कहा कि यह कर तुम जनहित के लिए वसूलते थे। इसलिए इस कर से राजघाट का नहीं जनहित का काम होगा। जिसके बाद अहिल्या माता ने 17 फरवरी 1791 में भेंट में मिली कर राशि से महू-मंडलेश्वर बार्डर पर जाम दरवाजा का निर्माण करवाया था। इसके बाद जब भी अहिल्या माता इंदौर से महेश्वर जाती थी तो रात्रि विश्राम यहीं किया करती थी।

घूमने का सबसे अच्छा समय

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घूमने का परिवेशीय समय आमतौर पर सुबह के समय होता है, जब पूरे क्षेत्र में कोहरा छाया रहता है। सूर्योदय के समय यहां रहस्यमयी दृश्यों का अनुभव हो सकता है। लोग न्यूनतम टिकट खरीदकर भी गेट पर चढ़ सकते हैं। यह मध्य प्रदेश का सबसे सुंदर जगह है

निकटतम हवाई अड्डा इंदौर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा है जो गेट से लगभग 50 किमी की दूरी पर स्थित है। निकटतम रेलवे स्टेशन डॉ. अम्बेडकर नगर रेलवे स्टेशन (MHOW) लगभग 30 किमी की दूरी पर है। शेष दूरी सड़क मार्ग से तय करनी पड़ती है।

वहां पहुंचने के लिए, किसी को एस एच 1 इंदौर - खरगोन राज्य राजमार्ग पर यात्रा करनी होगी यदि प्रारंभिक बिंदु इंदौर या एमएचओडब्ल्यू है और बाद में, महू-मंडलेश्वर मार्ग पर थोड़ा सा चक्कर लगाना होगा जो बाद में मुख्य एस एच 1 में वापस मिल जाता है।

  1. दरवाजा, जाम दरवाजा (२०/०८/२०२३). "जाम दरवाजा". |date= में तिथि प्राचल का मान जाँचें (मदद)