जिम पीबल्स
फिलिप जेम्स एडविन पीबल्स (अंग्रेज़ी: Philip James "Jim" Edwin Peebles; जन्म 25 अप्रैल, 1935), एक कनाडाई-अमेरिकी खगोल भौतिकीविद्, खगोलविद और सैद्धांतिक ब्रह्मांड विज्ञानी हैं, जो वर्तमान में प्रिंसटन विश्वविद्यालय में विज्ञान के अल्बर्ट आइंस्टीन प्रोफेसर एमेरिटस हैं।[1][2] उन्हें 1970 के बाद से इस क्षेत्र में दुनिया के प्रमुख सैद्धांतिक ब्रह्मांड विज्ञानियों में से एक माना जाता है, जिसमें प्राइमर्डियल न्यूक्लियोसिंथेसिस, डार्क मैटर, कॉस्मिक माइक्रोवेव बैकग्राउंड और संरचना निर्माण में उनका प्रमुख सैद्धांतिक योगदान है।
जिम पीबल्स | |
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जन्म |
फिलिप जेम्स एडविन पीबल्स 25 अप्रैल 1935 विनीपैग, कनाडा |
क्षेत्र |
सैद्धान्तिक भौतिकी ब्रह्माण्डविद्या |
संस्थान |
प्रिंसटन विश्वविद्यालय उन्नत अध्ययन संस्थान |
प्रसिद्धि | लौकिक माइक्रोवेव पृष्ठभूमि विकिरण |
उल्लेखनीय सम्मान |
एडिंग्टन मेडल (1981) हैनमैन पुरस्कार (1982) ब्रूस पदक (1995) रॉयल एस्ट्रोनॉमिकल सोसायटी का स्वर्ण पदक (1998) ग्रुबर पुरस्का (2000) हार्वे पुरस्कार (2001) शॉ पुरस्कार (2004) क्रॉफ़ोर्ड पुरस्कार (2005) डीरेक पदक (2013) भौतिकी में नोबेल पुरस्कार (2019) |
2019 में भौतिक ब्रह्मांड विज्ञान में सैद्धांतिक खोजों के लिए पीबल्स को साझा भौतिकी नोबेल पुरस्कार का दिया गया है। उन्होंने माइकल मेयर और डिडिएर क्वेलोज़ के साथ पुरस्कार साझा किया है, जिन्हें सौरमंडल से परे एक और ग्रह खोज के लिए यह पुरस्कार दिया गया है।[3][4]
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "Princeton University Physics Department". मूल से May 11, 2011 को पुरालेखित.
- ↑ "Princeton University News". मूल से April 13, 2016 को पुरालेखित.
- ↑ "फ़िजिक्स में योगदान के लिए तीन वैज्ञानिकों को मिला नोबेल पुरस्कार". बीबीसी हिन्दी. 2019. अभिगमन तिथि 9 अक्टूबर 2019.
- ↑ "भौतिकी में नोबेल पुरस्कार, 2019". नोबेल फाउंडेशन. मूल से 9 अक्टूबर 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 9 अक्टूबर 2019.
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