जीवित जड़ सेतु
जीवित जड़ सेतु भारत के पूर्वोत्तर राज्य मेघालय के दक्षिणी भाग स्थित स्थानीय जनजाति के लोगों द्वारा जीवित वृक्षों की जड़ों से बनाये गये पुल हैं। जीवित वृक्षों की जड़ो को अनुवर्धित कर इन्हें जलधारा के आर पार एक सुदृण पुल में परिवर्तित कर देते हैं।[1] समय के साथ ये और भी मजबूत होते जाते हैं। ये पुल मेघालय के चेरापूँजी, नोन ग्रेट,लात्संयू आदि स्थानों पर देखे जा सकते हैं।
जीवित जड़ सेतु | |
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आयुध सर्वेक्षण राष्ट्रीय ग्रिड | [1] |
पार | खाडियां |
लक्षण | |
सामग्री | जीवित वृक्ष मूल |
गर्त निर्माण | पाषाण |
कुल लम्बाई | ५० मीटर से अधिक |
चौड़ाई | १.५ मीटर तक |
वहन क्षमता | ५०० लोग तक |
अधिकतम आयुकाल | ५०० वर्षों से अधिक |
इतिहास | |
वास्तुशास्त्री | मेघालयी जनजातियां |
मेघालय के जनजातीय क्षेत्रों में रहने वाले लोग वहां उगने वाले बृक्षों की जड़ों और शाखाओं को एक दूसरे से सम्बद्ध कर पुल का रूप दे देते हैं। इस प्रकार के पुल ही जीवित जड़ पुल कहलाते हैं। इनको बनाने में रबर फ़िग (फ़ाइकस इलास्टिका[2][3]) वृक्ष की हवाई जडों का प्रयोग किया जाता है और इनका निर्माण खासी एवं जयन्तिया जनजाति के लोग ही किया करते हैं। [4][5]हम इस पेड को रबर के पेड की श्रेणी का भी मान सकते हैं । ऐसे पुलो में से कुछ की लम्बाई सौ फुट तक है । जहां खासी लोगो को जरूरत होती है इस पेड की जडो को वे दिशा देते हैं और काफी समय भी । बहुत सालो में जाकर ये पेड इस स्थिति में आ जाते हैं कि दोनो किनारो के पेडो की जडें आपस में बंध जाती हैं । ये इतने जानदार भी होते हैं कि 50 लोगो का वजन एक साथ सह सकते हैं
ऐसे सेतु नागालैण्ड में भी मिलते हैं।[6] भारत के अलावा इंडोनेशिया में जेम्बाटन अकार द्वीप पर सुमात्रा, और जावा के बन्तेन प्रान्त में बादुय लोगों द्वारा भी ऐसे सेतु बनाये जाते हैं।[7] [8]
चित्र दीर्घा
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एक लिविंग रूट ब्रिज कोंगथोंग गांव के पास मरम्मत होते हुए। स्थानीय खासी लोग युवा लचीली हवाई जड़ों के प्रयोग से सेरु की मुंडेर बनाते हुए।
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पूर्वी खासी हिल्स के बर्मा गांवमें एक रूट ब्रिज बिना किसी पैड आदि के मरम्मत होते हुए।
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एक रूट ब्रिज लकड़ी और बांस के मचान की सहायत से उगाया/बनाया जा रहा है। यह रंगथिल्लियांग, पूर्वी खासी हिल्स के निकट है।
संदर्भ
संपादित करें- ↑ "जीवित जड़ पुल". arcgraphicsdesign.blogspot.com. अभिगमन तिथि 2018-05-31.
- ↑ India's living Bridges
- ↑ "Living Root Bridge in Laitkynsew India". www.india9.com. मूल से 4 अगस्त 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2010-02-22.
- ↑ "Living Root Bridges of Nagaland India – Nyahnyu Village Mon District | Guy Shachar". guyshachar.com (अंग्रेज़ी में). मूल से 12 जून 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2017-09-07.
- ↑ "living root bridge , meghalaya ,लीविंग रूट ब्रिज , मेघालय". मूल से 2 अप्रैल 2015 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2018-05-31.
- ↑ "Living Root Bridges of Nagaland India – Nyahnyu Village Mon District | Guy Shachar". guyshachar.com (अंग्रेज़ी में). मूल से 12 जून 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2017-09-07.
- ↑ py6unova (2015-12-13). "Baduy Tribe". Ruby Mangunsong. मूल से 23 फ़रवरी 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2017-09-07.
- ↑ WEST SUMATRA, INDONESIA Jembatan Akar
बाहरी सूत्र
संपादित करें- "रहने प्राकृतिक जड़ Bridgew में मेघालय"
- living root bridge , meghalaya ,लीविंग रूट ब्रिज , मेघालय
- "प्रकृति के चमत्कार: लिविंग रूट पुलों के चेरापूंजी" अविश्वसनीय-facts.com
- "रहने की जड़ पुल" भी रहने अंजीर सीढ़ी के रूप में अच्छी तरह के रूप में पुल
- "रहने की जड़ पुलों के चेरापूंजी" पर inhabitat.com
- "रहने की जड़ पुलों पर चेरापूंजी में Megahalya" पर blotub.com
- https://web.archive.org/web/20170905001717/https://livingrootbridges.com/
- वीडियो क्लिप का चित्रण प्रशिक्षण की जड़ों द्वारा, बांस के मचान विधि में, एक मौजूदा रूट ब्रिज डेटिंग करने के लिए 1840 में गांव के Nohwet में पश्चिम खासी हिल्स जिला, मेघालय, भारत. से बीबीसी's यात्रा दिखाने 2017 प्रकरण "भारत: दो प्रकरण".