जीसैट-20
जीसैट-20 (GSAT-20) भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन उपग्रह केंद्र और तरल प्रणोदन प्रणाली केंद्र द्वारा संयुक्त रूप से विकसित किया जा रहा एक संचार उपग्रह है[2] जिसे इसरो द्वारा लॉन्च किया जाएगा। जीसैट-20 भारत के संचार उपग्रह जीसैट श्रृंखला का भाग होगा। उपग्रह का उद्देश्य भारत की स्मार्ट सिटी मिशन के लिए आवश्यक संचार बुनियादी ढांचे में डेटा ट्रांसमिशन क्षमता जोड़ना है।
मिशन प्रकार | संचार उपग्रह |
---|---|
संचालक (ऑपरेटर) | इसरो |
मिशन अवधि | 15 वर्ष (अनुमानित) |
अंतरिक्ष यान के गुण | |
बस | आई-3के [1] |
निर्माता |
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन उपग्रह केंद्र अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र |
लॉन्च वजन | 3,650 किलोग्राम (129,000 औंस) [1] |
ऊर्जा | 2 सौर सरणी बैटरी |
मिशन का आरंभ | |
प्रक्षेपण तिथि | 2018 (योजना) |
रॉकेट | जीएसएलवी मार्क 3 एफ01 (पहली ऑपरेशनल उड़ान)[1] |
प्रक्षेपण स्थल | सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र द्वितीय लांच पैड |
ठेकेदार | इसरो |
कक्षीय मापदण्ड | |
निर्देश प्रणाली | भूकेंद्रीय |
काल | भू-स्थिर |
देशान्तर | 55° पूर्व |
यह पहला पूर्ण इलेक्ट्रिक प्रोपल्सन उपग्रह होगा। जिसमें रासायनिक-आधारित प्रणोदन की तुलना में पांच से छह गुना तक अधिक कुशलता हो सकता है।[2] इस उपग्रह को इलेक्ट्रिक प्रोपल्सन का उपयोग करके भू-स्थिर अंतरण कक्षा से भू-तुल्यकालिक कक्षा में स्थानांतरित किया जाएगा। यह ऐसा करने वाला इसरो का पहला उपग्रह होगा।[3]
पेलोड
संपादित करेंउपग्रह में एक उच्च केए-बैंड संचार पेलोड होंगे जो 40 बीम का उपयोग करके लगभग 70 गीगाबिट[4] प्रति सेकेंड का संचार करने में सक्षम होंगे।[5] प्रत्येक बीम में 2 ध्रुवीकरण होंगे, जो प्रभावी रूप से उन्हें 80 बीम बनाता हैं।[6]
लॉन्च
संपादित करेंउपग्रह को जीएसएलवी मार्क 3 की तीसरी कक्षीय विकास उड़ान पर 2018 की शुरुआत तक लॉन्च करने की योजना है।[7] उपग्रह को 3650 किलोग्राम लॉन्च वजन के साथ इसरो की आई-3के बस में कॉन्फ़िगर किया जाएगा। यह जीएसएलवी मार्क 3 की पहली ऑपरेशनल उड़ान के साथ लॉन्च होने वाला है।[1]
इन्हें भी देखें
संपादित करेंसन्दर्भ
संपादित करें- ↑ अ आ इ ई "Annual Report 2017-18, Department of Space". ISRO.gov.in. Department of Space, Government of India. मूल से 14 फ़रवरी 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 13 February 2018.
- ↑ अ आ D.S, Madhumathi (May 1, 2017). "GSAT-9 heralds cost-saving electric propulsion". The Hindu. Bengaluru. The Hindu. अभिगमन तिथि May 27, 2017.
- ↑ RAMACHANDRAN, R. (June 26, 2017). "ISRO's Mk III Launched a Little-Known Instrument Called GRASP – This Is What It Does". The Wire. Bengaluru. The Wire. मूल से 2 फ़रवरी 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि June 26, 2017.
- ↑ Nair, Avinash (May 17, 2017). "ISRO's GSAT-trio to usher in high-speed internet era". The Indian Express. Ahmedabad. मूल से 20 जनवरी 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि May 27, 2017.
- ↑ "GSAT-20". मूल से 20 मई 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 11 मई 2018.
- ↑ Vasudeva, Akshay (May 22, 2017). "India to enter high-speed internet era with Isro's new satellites". India: mi.com. मूल से 21 जनवरी 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 11 मई 2018.
- ↑ "ISRO to Launch Three GSAT Satellites in 18 Months". 2017. मूल से 13 अप्रैल 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 11 मई 2018.