जुमातुल विदा (अरबी: جمعة الوداع; शाब्दिक अर्थ: "छूटने या छोड़कर जाने वाला जुमे का दिन") इस्लाम धर्म में मुसलमानों के पवित्र मास रमज़ान के अंतिम शुक्रवार के दिन को कहते हैं। यूँ तो रमज़ान का पूरा महीना रोज़ों के कारण अपना महत्व रखता है और जुमे के दिन का विशेष रूप से दोपहर के समय नमाज़ के कारण अपना महत्व है, चूँकि सप्ताह का यह दिन इस पवित्र महीने के अन्त में आ रहा होता है, इसलिए लोग इसे अति-महत्वपूर्ण मानते हैं।

जुमातुल विदा
अनुयायी मुसलमान
आरम्भ रमज़ान का अंतिम शुक्रवार
तिथि last Friday in Ramadan
आवृत्ति वार्षिक

रमज़ान के अंतिम शुक्रवार पर मस्जिदों में दोपहर को जुमातुल विदा की नमाज़ अदा की जाती है।[1] इस विशेष नमाज़ से पहले मस्जिदों के पेश इमाम जुमातुल-विदा का ख़ुत़्बा (उपदेशिक प्रसंग) पढ़ते हैं और नमाज़ के बाद अमन और समृद्धि की दुआएँ माँगी जाती हैं। [2] भारत में अधिकतर दरगाहों से जुड़ी कई एक मस्जिदें हैं, इसलिए लोग वहाँ पर भी नमाज़ पढ़ते हैं। [3]

  1. ND. "रमजान का आखिरी जुमा आज". hindi.webdunia.com. अभिगमन तिथि: 2021-05-07.
  2. "संग्रहीत प्रति". मूल से से 12 नवंबर 2014 को पुरालेखित।. अभिगमन तिथि: 12 नवंबर 2014. {{cite web}}: Check date values in: |access-date= and |archive-date= (help)
  3. "संग्रहीत प्रति". मूल से से 12 नवंबर 2014 को पुरालेखित।. अभिगमन तिथि: 12 नवंबर 2014. {{cite web}}: Check date values in: |access-date= and |archive-date= (help)