जूल प्रभाव
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जूल प्रभाव (Joule effect) अथवा जूल का नियम (Joule's law) से आशय अनेकों भौतिक प्रभावों से है जिनका सम्बन्ध अंग्रेज भौतिकशास्त्री जेम्स प्रेस्कॉट जूल (James Prescott Joule) से है। ये नियम या प्रभाव एक नहीं बल्कि अनेक हैं, जो नीचे दिए गए हैं-
- जूल का प्रथम नियम (जूल तापन) -- यह नियम किसी चालक से होकर बहने वाली विद्युत धारा तथा उससे उस चालक में उत्पन्न ऊष्मा का परस्पर सम्बन्ध बताती है। (Q = I2 R)
- जूल का द्वितीय नियम -- यह नियम कहता है कि किसी आदर्श गैस की आन्तरिक ऊर्जा उसके आयतन और दाब पर निर्भर नहीं करती, केवल उसके तापमान पर निर्भर होती है।
- चुम्बकीय विरूपण (Magnetostriction) -- यह लौहचुम्बकीय पदार्थों का एक गुण है। जब किसी लौहचुम्बकीय पदार्थ को किसी चुम्बकीय क्षेत्र में ले जाया जाता है तो उनका आकार बदल जाता है।
- जूल-टॉमसन प्रभाव (Joule–Thomson effect) -- जब किसी गैस को बिना किसी अवरोध के फैलती है तो उसका ताप बदल जाता है (प्रायः ताप कम हो जाता है)।
- गो-जूल प्रभाव (Gough–Joule effect) -- जब किसी एलास्टोमर को गरम किया जाता है, जबकि वह तनाव में हो, तो उसमें संकुचन (contraction) होता है।