जॉर्ज बूल
जॉर्ज बूल (अंग्रेज़ी: George Boole) (०२ नवम्बर १८१५ - ०८ दिसम्बर १८६४) ब्रिटेन के एक गणितज्ञ एवं दार्शनिक थे। वे तर्कशास्त्र को एक बीजगणितीय रूप देने के लिये प्रसिद्ध हैं। बूल का बीजगणित, आधुनिक संगणक-गणित का आधार सिद्ध हुआ है। आज उनका यह योगदान इतना महान और महत्वपूर्ण दिखता है कि संगणक विज्ञान के जन्मदाताओं में उनकी गणना की जाती है। (जबकि उनके युग में कम्प्यूटर का कहीं अता-पता नहीं था)
व्यक्तिगत जानकारी | |
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जन्म | 02 नवम्बर 1815 लिंकन, लिंकनशायर, इंग्लैंड |
मृत्यु | 8 दिसम्बर 1864 बैलिनटेम्पल, काउंटी कॉर्क, आयरलैंड | (उम्र 49 वर्ष)
वृत्तिक जानकारी | |
युग | उन्नीसवीं सदी का दर्शन |
क्षेत्र | पश्चिमी दर्शनशास्त्र |
विचार सम्प्रदाय (स्कूल) | अभिकलन के गणितीय आधार व सूत्र |
राष्ट्रीयता | ब्रिटिश |
मुख्य विचार | गणित, तर्क, गणित में दार्शनिकी |
प्रमुख विचार | बूलीय बीजगणित |
प्रभाव
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जीवन चरित
संपादित करेंजॉर्ज बूल के पिता जॉन बूल (1779-1848), एक कारीगर थे। उनके पास साधनों की कमी थी किन्तु वे स्वाध्यायी एवं क्रियाशील मस्तिष्क वाले व्यक्ति थे। जॉन बूल की गणित और तर्कशास्त्र में विशेष रुचि थी। पिता ने ही पुत्र जॉर्ज बूल के शिक्षा की नींव रखी। किन्तु जॉर्ज के अन्दर छिपी हुई गणितीय मेधा उनके जीवन के आरम्भिक काल में प्रकट नहीं हुई। आरम्भ में शास्त्रीय विषय ही उनके प्रिय विषय रहे।
जॉर्ज बूल की पत्नी मैरी बूल (जो स्वयं एक महान गणितज्य थीं), ने स्पष्ट तौर पर कहा था कि जॉर्ज बूल पर भारतीय चिन्तन और विशेषतः भारतीय तर्कशास्त्र का गहरा प्रभाव था। यह प्रभाव मैरी के अंकल जॉर्ज एवरेस्ट के माध्यम से पड़ा था। इतना ही नहीं, मैरी बूल ने यह भी कहा था कि अगस्टस डी मार्गन और चार्ल्स बाबेज पर भी भारतीय चिनतन और तर्कशास्त्र का गहरा प्रभाव था। [1]
- Think what must have been the effect of the intense Hinduizing of three such men as Babbage, De Morgan, and George Boole on the mathematical atmosphere of 1830–65. What share had it in generating the Vector Analysis and the mathematics by which investigations in physical science are now conducted?[2]