तर्क
दर्शनशास्त्र में तर्क (argument) कथनों की ऐसी शृंखला होती है जिसके द्वारा किसी व्यक्ति या समुदाय को किसी बात के लिये राज़ी किया जाता है या उन्हें किसी व्यक्तव्य को सत्य मानने के लिये कारण दिये जाते हैं। आम तौर पर किसी तर्क के बिन्दु साधारण भाषा में प्रस्तुत किये जाते हैं और उनके आधार पर निष्कर्ष मनवाया जाता है। लेकिन गणित, विज्ञान और तर्कशास्त्र में यह बिन्दु और अंत के निष्कर्ष औपचारिक वैज्ञानिक भाषा में भी लिखे जा सकते हैं।[1][2][3]
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