जोशीला (1973 फ़िल्म)
जोशीला 1973 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। इसका निर्देशन यश चोपड़ा ने और निर्माण गुलशन राय ने किया। इसमें देव आनन्द, हेमामालिनी और राखी हैं।[1]
जोशीला | |
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जोशीला का पोस्टर | |
निर्देशक | यश चोपड़ा |
लेखक |
अख्तर मिर्ज़ा, सी जे पावरी |
पटकथा | अख्तर मिर्ज़ा, सी जे पावरी |
निर्माता | गुलशन राय |
अभिनेता |
देव आनन्द, हेमामालिनी, राखी, प्राण, बिन्दू |
छायाकार | फाली मिस्त्री |
संपादक | प्राण मेहरा |
संगीतकार |
राहुल देव बर्मन साहिर लुधियानवी (गीत) |
निर्माण कंपनियां |
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वितरक | त्रिमूर्ति फिल्म्स प्रा. लि. |
प्रदर्शन तिथियाँ |
19 अक्टूबर, 1973 |
देश | भारत |
भाषा | हिन्दी |
संक्षेप
संपादित करेंजेलर (मनमोहन कृष्णा) उन दोषियों की देखरेख करते हैं जिन्हें कठोर कारावास की सजा सुनाई गई है। उनकी एक युवा और सुंदर भतीजी है जिसका नाम शालिनी (हेमामालिनी) है। उसके पिता का रोल प्राण ने किया है जो एक सुंदर पहाडी क्षेत्र में रहते हैं, अपंग हैं और उनकी दूसरी पत्नी बिंदू है। शालिनी एक कवयित्री है, एक दिन अपनी कविता सुनाते हुए, वह एक युवक से मिलती है, अमर (देव आनन्द) से मिलती है। वह भी खुद कवि होता है।
वे दोनों एक साथ खूबसूरत पल बिताते हैं और खुद को एक दूसरे के प्रति आकर्षित पाते हैं। शालिनी यह पता लगाना चाहती है कि अमर जेल में क्यों है। उसे बताया जाता है कि अमर हत्या के आरोप में जेल में है। उसने अपनी पूर्व प्रेमिका सपना (राखी) के भाई की हत्या की थी। शालिनी को यह भी पता चला कि यह सच नहीं है। वह अमर को जेल से छुड़ाने के लिए अपना पूरा प्रयास करेगी क्योंकि वह उससे प्यार करती है और उससे शादी करना चाहती है।
मुख्य कलाकार
संपादित करें- देव आनन्द — अमर
- हेमामालिनी — शालिनी
- राखी — सपना
- प्राण — ठाकुर साहब
- बिंदू — रानी
- मदन पुरी — मदनलाल डोगरा
- मनमोहन कृष्णा — जेलर
- पद्मा खन्ना — मंजू
- सुलोचना — श्रीमती गुलजारीलाल
- ए के हंगल — लाला गुलजारीलाल
- सुधीर — कुंदन
- हरक्यूलीस — शेरसिंह
- मास्टर सत्यजीत — रवि, बालक
- आई एस जौहर — रौनक सिंह
- विकास आनन्द — मनोहर
- रूपेश कुमार — सपना का भाई
दल
संपादित करें- निर्देशक - यश चोपड़ा
- कथा - गुलशन नंदा
- पटकथा - अख्तर मिर्ज़ा, सी जे पावरी
- संवाद - अख्तर-उल-इमान
- निर्माता - गुलशन राय
- संपादक - प्राण मेहरा
- छायांकन - फाली मिस्त्री
- कला निर्देशक - आर जी गायकवाड
- सहायक निर्देशक - रमेश तलवार (प्रमुख), वासुदेव धीर, दिलीप नाइक
- सहायक संपादक - टी आर मंगेशकर (प्रमुख), अच्युत वाय गुप्ते (रंग परामर्शक)
- सहायक कला निर्देशक - सुधीर गायकवाड
- स्टंट - रवि खन्ना, एम् बी शेट्टी
- रूपसज्जा - पंढरी जूकर
- निर्माण प्रबंधक - आर एल बजाज, देवदत्त भारती
- वस्त्र एवं भूषा - मीता हस्सन, जयकिशन
- नृत्य निर्देशक - सुरेश भट, पी एल राज
- संगीतकार - राहुल देव बर्मन
- संगीत सहायक - मनोहारी सिंह
- गीतकार - साहिर लुधियानवी
- पार्श्वगायक - आशा भोसले, किशोर कुमार, लता मंगेशकर
संगीत
संपादित करेंसभी गीत साहिर लुधियानवी द्वारा लिखित; सारा संगीत आर॰ डी॰ बर्मन द्वारा रचित।
क्र॰ | शीर्षक | गायक | अवधि |
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1. | "किसका रास्ता देखे" | किशोर कुमार | 4:18 |
2. | "शरमा न यूँ" | आशा भोंसले, देव आनन्द | 4:14 |
3. | "कुछ भी कर लो" | किशोर कुमार, लता मंगेशकर | 4:10 |
4. | "काँप रही मैं" | आशा भोंसले | 5:36 |
5. | "दिल में जो बातें हैं" | किशोर कुमार, आशा भोंसले | 5:18 |
6. | "जो बात इशारों में कही" | लता मंगेशकर | 4:13 |
7. | "सोना रूपा लायो रे" | आशा भोंसले | 5:43 |
8. | "महफ़िल में छुपाने पड़े" | लता मंगेशकर | 2:18 |
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "बॉलीवुड में छाया है यश चोपड़ा के 'रोमांस' का जादू". आज तक. 16 अगस्त 2012. मूल से 12 अप्रैल 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 12 अप्रैल 2019.