जो लरे दीन के हेत
भोजपुरी में लिखी गई भयभीत करने वाली पुस्तक
(जो लरै दीन के हेत से अनुप्रेषित)
जो लरे दीन के हेत भारत के प्रसिद्ध हिंदी उपन्यासकार और लेखक सुरेन्द्र मोहन पाठक का अगस्त 2014 में हार्पर कॉलिंस[1]प्रकाशन द्वारा छापा गया उपन्यास है। वर्गीकरण की दृष्टि से यह रहस्य-रोमांच की श्रेणी में आनेवाला उपन्यास है। पहली बार किसी हिंदी उपन्यास की प्री-पब्लिशिंग बुकिंग का तमगा इस उपन्यास के नाम दर्ज हो चुका है।
चित्र:JoLareDeenKeHet.jpg | |
लेखक | सुरेन्द्र मोहन पाठक |
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मूल शीर्षक | गुरुग्रंथ साहिब से |
भाषा | हिन्दी |
शृंखला | विमल सीरीज |
शैली | रहस्य-रोमांच (अपराध कथा) |
प्रकाशित | अगस्त 2014 |
प्रकाशन स्थान | भारत |
मीडिया प्रकार | प्रिंट & ई-बुक |
पृष्ठ | 314 |
पुरस्कार | JoLareDeenKeHet.jpeg |
आई.एस.बी.एन | 987-93-5136-784-0 Parameter error in {{isbn}}: Invalid ISBN. |
यह पाठक के विमल सीरीज का 42वाँ उपन्यास है जिसकी कहानी दिल्ली और मुम्बई के परिवेश में सेट है।[1]
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ अ आ "BOOK SUMMARY on the Website of Harpercollins India Publishers". मूल से 7 फ़रवरी 2015 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 25 सितंबर 2014.
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