ज्येष्ठा या अन्तारॅस, जिसका बायर नाम "अल्फ़ा स्कोर्पाए" (α Scorpii या α Sco) है, वॄश्चिक तारामंडल का सब से रोशन तारा है। यह पृथ्वी से दिखने वाले सोलहवा सब से रोशन तारा है। ज्येष्ठा समय के साथ अपनी चमक कम-ज़्यादा करने वाला एक परिवर्ती तारा है जिसकी औसत चमक (सापेक्ष कान्तिमान) +1.09 मैग्नीट्यूड है।[1] यह पृथ्वी से लगभग 600 प्रकाश वर्ष की दूरी पर हैं।

ज्येष्ठा (अन्तारॅस) और सूरज की तुलना - टूटी लकीर से बना गोला मंगल की कक्षा (ऑर्बिट) दर्शाता है - एक छोटा लाल दानव तारा स्वाती (आर्कत्युरस) भी दिखाया गया है

विवरण संपादित करें

ज्येष्ठा एक लाल महादानव तारा है। इसका व्यास (डायामीटर) सूरज के व्यास का 800 गुना है - अगर इसे उठाकर हमारे सौर मंडल के बीच सूरज की जगह दाल दिया जाए तो पृथ्वी और मंगल तक के ग्रह इसके अन्दर आ जाएँ। इसका द्रव्यमान सूरज के द्रव्यमान का 15 से 18 गुना है।[2] इसकी भयंकर चमक (निरपेक्ष कान्तिमान) सूरज से 65,000 गुना है।

ज्येष्ठा के नज़दीक उसका एक साथी तारा है और यह दो मिलकर एक द्वितारा मंडल में गुरुत्वाकर्षण से बंधे हुए हैं। यह साथी तारा एक नीला गर्म B2.5 श्रेणी का तारा है। इसकी चमक मुख्य ज्येष्ठा तारे की सिर्फ़ 1/370 गुना है और मामूली दूरबीन से इसे देखना मुश्किल है क्योंकि मुख्य तारे की रोशनी में यह छिप जाता है। जब यह दिखता भी है तो थोड़ा हरे रंग का प्रतीत हो सकता है, हालाँकि वैज्ञानिक मानते हैं के यह पास के मुख्य तारे की भयंकर रोशनी का नतीजा है।

इन्हें भी देखें संपादित करें

सन्दर्भ संपादित करें

  1. "Query= alf Sco". General Catalogue of Variable Stars. Centre de Données astronomiques de Strasbourg. मूल से 7 मार्च 2012 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2010-01-05.
  2. Kaler, James. "Antares". मूल से 27 अप्रैल 2007 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 13 अगस्त 2008.