ज्वार, बाजरा, कोदो आदि मोटे अनाजों को अंग्रेजी में सम्मिलित रूप से 'मिलेट' (millet) कहते हैं। ये सभी छोटे आकार के बीज वाली घासें हैं किन्तु विश्व भर में बहुत प्राचीन काल से इनकी अन्न के रूप में या चारे के रूप में खेती होती चली आयी है। इनमें से अधिकांश प्रजातियाँ पैनिसी (Paniceae) समूह की हैं।

खेत में लहलहाती बाजरे की फसल
खेत में लगी मड़ुआ (कंगनी) की फसल
चीना (proso millet) की पकी हुई बाली
अंकुरित बाजरे (Sprouting millet) का पौधा

ये मोटे अनाज एशिया और अफ्रीका (मुख्यतः दक्षिणी भारत, माली, नाइजेरिया, और नाइजर) के अर्ध-शुष्क ऊष्णकटिबंधीय क्षेत्रों की महत्वपूर्ण फसले हैं और इनमें से ९७ प्रतिशत अनाजों का उत्पादन विकाशशील देशों में होता है। इन फसलों की विशेषता है कि ये कम समय में तैयार हो जातीं हैं और शुष्क तथा अधिक गरम जलवायु में भी अच्छा उत्पादन देतीं हैं।

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