डॉ॰टी.एस.पपोला (30 अगस्त 1941 - 23 नवंबर, 2015) एक भारतीय अर्थशास्त्री थे। वे श्रम एवं रोजगार, विकास योजना, औद्योगिक अर्थशास्त्र क्षेत्रीय विकास और उद्यम विकास के क्षेत्रों में विशेषज्ञता प्राप्त थे। उनके पास शिक्षण, अनुसंधान और सलाहकार के रूप में 4 दशकों का अनुभव था। उन्होंने 14 पुस्तकें लिखीं और प्रतिष्ठित पत्रिकाओं में उनके कम से कम-80 शोध पत्र प्रकाशित हुए हैं। वे इंस्टिट्यूट फॉर स्टडीज इन इंडस्ट्रियल डेवेलपमेंट, नई दिल्ली के संस्थापक थे और इस संस्थान में उन्होंने प्रोफेसर के रूप में भी अपनी सेवा दी। उन्होंने सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम पर बनाई गई प्रधानमन्त्री की सलाहकार परिषद में भी कार्य किया है। उन्हें वर्ष 1984 में अर्थशास्त्र के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए वीकेआरवी राव युवा सामाजिक वैज्ञानिक पुरस्कार और सामाजिक विज्ञान में योगदान के लिए वीकेआरवी राव लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड, इसके अतिरिक्त वर्ष 2007 में यूपी-उत्तराखंड आर्थिक संघ द्वारा कौटिल्य पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया। 23 नवंबर, 2015 को 74 वर्ष की आयु में उनका नई दिल्ली में निधन हो गया।[1][2]

सन्दर्भ संपादित करें

  1. "श्रम अर्थशास्त्री डॉ टी.एस.पपोला का निधन". जागरण जोश. मूल से 5 मार्च 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 8 दिसंबर 2015.
  2. "Noted economist Papola dead" [प्रख्यात अर्थशास्त्री पपोला का निधन] (अंग्रेज़ी में). द हिन्दू.

बाहरी कड़ियाँ संपादित करें