डिगबोई तेल शोधनागार
डिगबोई तेल शोधनागार (रिफाइनरी) को असम ऑइल कंपनी लिमिटेड द्वारा 1901 में डिगबोई में स्थापित किया गया था। यह एशिया की सबसे पुरानी और सबसे लम्बे समय से परिचालित तेल रिफाइनरी है।[1] 1981 से इण्डियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (आईओसी) ने असम तेल कंपनी लिमिटेड की रिफाइनरी और विपणन प्रबंधन अपने हाथ में लिया और एक अलग विभाग बनाया।[2] यह विभाग तेल शोधन और विपणन दोनों अभियानों के लिए जिम्मेदार है। डिगबोई तेल शोधनागार में रिफाइनरी स्थापित क्षमता 0.50 एमएमटीपीए (मिलियन मीट्रिक प्रतिवर्ष टन) था। रिफाइनरी की शोधन क्षमता में जुलाई, 1996 में रिफाइनरी के आधुनिकीकरण से 0.65 एमएमटीपीए की वृद्धि हुई थी। 1999 में 1,70,000 टीपीए क्षमता का एक नया कोकिंग यूनिट चालू किया गया।[1] माइक्रोक्रिस्टेलाइन मोम का उत्पादन बढ़ाने के लिए एक नए साल्वेंट डीवाक्सिंग यूनिट 2003 में स्थापित और चालू किया गया। रिफाइनरी भी डीज़ल की गुणवत्ता में सुधार करने के लिए 2002 में हाइड्रोट्रीटर-युओपी स्थापित किया है।
इन्हें भी देखें
संपादित करेंसन्दर्भ
संपादित करें- ↑ अ आ "Digboi Refinery (Upper Assam)". इण्डियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड. मूल से 7 अप्रैल 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 6 अप्रैल 2014.
- ↑ "Digboi Refinery - Our Second Century". मूल से 22 जून 2008 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 6 अप्रैल 2014. नामालूम प्राचल
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की उपेक्षा की गयी (|access-date=
सुझावित है) (मदद)