डैनियल मोजोन (29 जुलाई 1963, बर्न, स्विटज़रलैंड में ) एक स्विस नेत्र रोग विशेषज्ञ और नेत्र शल्य चिकित्सक हैं, मिनिमली इनवेसिव स्ट्रैबिस्मस सर्जरी (MISS), जो शल्य चिकित्सा द्वारा भेंगापन ठीक करने की एक विधि है जिसमें केवल दो से तीन मिलीमीटर के बहुत छोटे चीरे लगाये जाते हैं और माना जाता है कि इसमें स्वास्थ्य लाभ और घाव का भराव भी कम समय लेता है, का आविष्कारक माना जाता है। [1] [2] [3] डैनियल मोजोन स्विस अकैडमी ऑफ़ ओप्थेलमोलॉजी (SAoO) की कार्यक्रम समिति के अध्यक्ष हैं।[4]

वैज्ञानिक कार्य

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मोजोन ने कई अध्ययन प्रकाशित किये हैं जिनमें बताया गया है कि भेंगी दृष्टि वाले लोग दैनिक जीवन में कितना भेदभाव झेलते हैं और मजाक का पात्र बनते हैं - उदाहरण के लिए, जैसा कि मोजोन ने साबित किया है, भेंगी दृष्टि वाले बच्चे अपेक्षाकृत कम जन्मदिवस उत्सवों हेतु आमंत्रण पाते हैं।[5] [6] [7] 1990 के दशक से भेंगेपन के उपचार में विशेषज्ञता प्राप्त, मोजोन ने पारंपरिक और अपेक्षाकृत अधिक दर्दनाक शल्य-चिकित्सा तकनीकों, जो क्षैतिज मांसपेशी उच्छेदन, वलीमयता, या प्रवलन हेतु टेनॉन स्थान में सीधा प्रवेश प्रदान करने के लिए आंगिक/लिम्बल तरीका अपनाती हैं, के विकल्प के रूप में मिनिमली इनवेसिव स्ट्रैबिस्मस सर्जरी (MISS) विकसित की। इन पारंपरिक तकनीकों के विपरीत, मिनिमली-इनवेसिव स्ट्रैबिस्मस सर्जरी में मात्र एक अस्त्रोपचार सूक्ष्मदर्शी (ऑपरेशन माइक्रोस्कोप) की जरुरत पड़ती है और आमतौर पर मरीज को बेहोश करके यह शल्यचिकित्सा की जाती है। कथित तौर पर, नेत्र-श्लेष्मला (कन्जन्क्टिवा) की अपेक्षाकृत अधिक विस्तृत शल्य क्रिया खुलावट की तुलना में MISS में शल्य-चिकित्सा के बाद काफी कम सूजन आती है। संरेखण, दृश्य तीक्ष्णता और जटिलताओं के संबंध में दीर्घकालिक परिणाम तुलनीय थे।[8]

  • Daniel Mojon and Howard Fine (Eds.): Minimally invasive ophthalmic surgery. Springer, Berlin 2010. ISBN 978-3-642-02601-0
  • Mojon-Azzi SM, Kunz A, Mojon DS: The perception of strabismus by children and adults.Graefes Archive for Clinical and Experimental Ophthalmology 2011;249:753-757.
  • Mojon-Azzi SM, Mojon DS. Opinion of headhunters about the ability of strabismic subjects to obtain employment. Ophthalmologica. 2007; 221: 430-3.
  • Mojon-Azzi SM, Kunz A, Mojon DS. Strabismus and discrimination in children: are children with strabismus invited to fewer birthday parties? Br J Ophthalmol 2011; 95: 473-6.
  • Kaup M, Mojon-Azzi SM, Kunz A, Mojon DS.Intraoperative conversion rate to a large, limbal opening in minimally invasive strabismus surgery (MISS). Graefes Arch Clin Exp Ophthalmol. 2011;249:1553-1557.
  • Mojon DS. Comparison of a new, minimally invasive strabismus surgery technique with the usual limbal approach for rectus muscle recession and plication. Br J Ophthalmol 2007; 91: 76-82.
  • Mojon DS. Minimally invasive strabismus surgery for horizontal rectus muscle reoperations. Br J Ophthalmol 2008; 92: 1648-1652.
  • Mojon DS. Minimally invasive strabismus surgery. Eye (Lond). 2015; 29: 225-33. doi:10.1038/eye.2014.281. Epub 2014 Nov 28.
  • Mursch-Edlmayr AS, Mojon DS, Ring M, Laubichler P, Luft N, Priglinger SG: Comparison of deep sclerokeratodissection, a new variant of nonpenetrating glaucoma surgery, with deep sclerectomy. Indian Journal of Ophthalmology 2016;64:914-918.
  1. Mojon DS: Minimally invasive strabismus surgery for rectus muscle posterior fixation. Ophthalmologica 2009;223:111-115.
  2. Mojon DS: Minimally invasive strabismus surgery (MISS) for inferior obliquus recession.Graefes Archive for Clinical and Experimental Ophthalmology 2009;247:261-265.
  3. Pellanda N, Mojon DS: Minimally invasive strabismus surgery technique in horizontal rectus muscle surgery for esotropia. Ophthalmologica 2010; 224:67-71.
  4. Weblink: https://www.saoo.ch/ Archived 2019-11-08 at the वेबैक मशीन
  5. Mojon-Azzi SM, Kunz A, Mojon DS :Strabismus and discrimination in children: are children with strabismus invited to fewer birthday parties? British Journal of Ophthalmology 2011; 95:473-476.
  6. Chris Smyth: Six-year old 'discriminate over squints'. The Times, August 19, 2010.
  7. Squinters 'refused party invites'. BBC News, August 19, 2010.
  8. Mojon DS: Comparison of a new, minimally invasive strabismus surgery technique with the usual limbal approach for rectus muscle recession and plication. British Journal of Ophthalmology 2007;91:76-82.