डेरापुर, कानपुर देहात

डेरापुर (Derapur) उत्तर प्रदेश राज्य के कानपुर देहात जिले का एक नगर एवं सब- डिवीज़न/ तहसील मुख्यालय है जो वर्ष २००५ में ग्राम पंचायत से नगर पंचायत के अस्तित्व में परिवर्तित हुआ। डेरापुर के नाम के सम्बन्ध में जनश्रुति है कि जब श्रीकृष्ण और वाणासुर के बीच संग्राम हुआ था तब श्रीकृष्ण ने इसी स्थान पर डेरा डाला था।[1]

डेरापुर
Derapur
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कल्पेश्वर मंदिर
कल्पेश्वर मंदिर
डेरापुर is located in उत्तर प्रदेश
डेरापुर
डेरापुर
उत्तर प्रदेश में स्थिति
निर्देशांक: 26°25′23″N 79°47′42″E / 26.423°N 79.795°E / 26.423; 79.795निर्देशांक: 26°25′23″N 79°47′42″E / 26.423°N 79.795°E / 26.423; 79.795
देश भारत
राज्यउत्तर प्रदेश
ज़िलाकानपुर देहात ज़िला
तहसीलडेरापुर
जनसंख्या (2011)
 • कुल7,533
भाषाएँ
 • प्रचलितहिन्दी
समय मण्डलभारतीय मानक समय (यूटीसी+5:30)
रूरा रेलवे स्टेशन

स्थिति संपादित करें

यह नगर रूरा रेलवे स्टेशन ( उत्तरी मध्य रेलवे ) से दक्षिण दिशा में १४ किलोमीटर की दूरी पर सेंगुर नदी के दाहिने तट पर बसा है। यह नगर वर्तमान में सिकंदरा विधान सभा के अंतर्गत आता है।

यातायात संपादित करें

इस नगर का मुख्य रेलवे स्टेशन रूरा (उत्तर मध्य रेलवे ) है जहां पर फ़ास्ट और सुपर फ़ास्ट रेलगाडियां उपलब्ध हैं। रूरा से पूर्व की ओर कानपुर, इलाहबाद, लखनऊ, हावड़ा आदि नगरो को जा सकते हैं तथा पश्चिम में इटावा, आगरा, दिल्ली आदि नगरों से जुड़ा हुआ है। दक्षिण दिशा में ६ किलोमीटर की रोड द्वारा स्वर्णिम चतुर्भुज राष्ट्रीय राजमार्ग से जुड़ा हुआ है।

उल्लेखनीय व्यक्तित्व संपादित करें

विद्यालय और महाविद्यालय संपादित करें

सार्वजानिक संस्थाएं संपादित करें

  • सब-डिवीजन एवं तहसील मुख्यालय
  • पुलिस स्टेशन एवं क्षेत्रीय कार्यालय पुलिस
  • ब्लॉक मुख्यालय
  • उप डाकघर
  • दूरभाष केंद्र (बीएसएनएल )
  • सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र
  • स्टेट बैंक सहित ४ बैंक

कपालेश्वर मंदिर संपादित करें

यह शिव मंदिर बीहड़ एवम प्रकृति के सुरम्य वातावरण में एक टीले पर सेंगुर नदी के उत्तर -पूर्व में डेरापुर तहसील मुख्यालय से लगभग २ किलोमीटर दूर स्थित है। इस कपालेश्वर महादेव मंदिर की विशेषता यह है कि मंदिर के फर्श के मध्य में उत्तर से दक्षिण दिशा की ओर लगभग 1.30 मीटर लंबाई की एक समाधि है और इस समाधि के ऊपर उत्तरी सिरे पर शिव लिंग स्थापित है। शिव लिंग के उत्तर में 0.40 मीटर दूरी पर नंदी विराजमान हैं। इस टीले की खुदाई में समाधि के ऊपर शिव लिंग प्राप्त होने पर वर्ष १८९३ में इस मंदिर का निर्माण हुआ था। यह मंदिर शैव भक्तों की आस्था का केंद्र है। श्रावण मास में प्रत्येक सोमवार को यहां जनसैलाब उमड़ पड़ता है।[2]

चित्र दीर्घा संपादित करें

इन्हें भी देखें संपादित करें

बाहरी कड़ियाँ संपादित करें

सन्दर्भ संपादित करें

  1. "जनपद प्रोफाइल - कानपूर देहात". मूल से 7 मई 2015 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2 सितंबर 2015.
  2. "संग्रहीत प्रति". मूल से 7 मई 2015 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2 सितंबर 2015.