तंजावुर चित्रकला एक शास्त्रीय दक्षिण भारतीय चित्रकला शैली है, जिसका आरम्भ तंजावुर से हुआ था। इस कला का प्रेरणास्रोत १६०० ई की नायकों की कलायें हैं। तंजावुर चित्रकला में मुख्यतः हिन्दू मन्दिरों की विषयवस्तु होती है जिसके ऊपर स्वर्ण की परत चढ़ी होती है। किन्तु अपने वर्तमान रूप में तंजावुर चित्रकला मराठा राजदरबार (1676-1855) में उत्पन्न हुई थी। [1] भारत सरकार ने इस चित्रकला को 2007-08 में भौगोलिक संकेत के रूप में मान्यता दी। [2]

एक तंजावुर चित्र (नटराज)
  1. "Parampara Project – Tanjore Gold Leaf Painting". paramparaproject.org. मूल से 10 सितंबर 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 5 मार्च 2022.
  2. "Geographical indication". Government of India. मूल से 26 August 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 28 June 2015.

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