दक्षिण भारत

दक्षिण भारत की राजनैतिक स्थिति

दक्षिण भारत पाँच भारतीय राज्यों आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु और तेलंगाना के साथ-साथ तीन केंद्र शासित प्रदेशों लक्षद्वीप, अण्डमान और निकोबार द्वीपसमूह और पुडुचेरी का क्षेत्रफल है, जो भारत के 19% क्षेत्र (635,780 कि॰मी2 या 245,480 वर्ग मील) है।[1] भारत के दक्षिणी भाग को दक्षिण भारत भी कहते हैं। अपनी संस्कृति, इतिहास तथा प्रजातीय मूल की भिन्नता के कारण यह पहचान बना चुका है। दक्षिण भारत में लोकसभा की 130 सीटें हैं।[2]

दक्षिण भारत
भारत का अंगूठाकार मानचित्र जिसमें दक्षिण भारत पर प्रकाश डाला गया है।
दक्षिण भारत को लाल रंग में दर्शाया गया है।
जनसंख्या 252,621,765
क्षेत्रफल 635,780 कि॰मी2 (245,480 वर्ग मील)
जनसंख्या घनत्व 397 प्रति वर्ग किमी (1,029 प्रति वर्ग मील)
राज्य कर्नाटक
तमिलनाडु
तेलंगाना
केरल
आन्ध्र प्रदेश
राजधानी नगर (राज्यों के) बंगलौर
चैन्नई
हैदराबाद
तिरुवनन्तपुरम
अमरावती
सबसे अधिक आबादी वाले १० नगर चैन्नई
बंगलौर
हैदराबाद
विशाखापत्तनम
कोच्चि
कोयम्बतूर
मदुरई
विजयवाड़ा
हुबली
मैसूर

दक्षिण भारतीय लोग मुख्यतः द्रविड़ भाषा जैसे तेलुगू ,तमिल, कन्नड़ और मलयालम बोलते हैं और मुख्यतः द्रविड़ मूल के हैं।

इतिहाससंपादित करें

कार्बन डेटिंग पद्धति से यह पता चला है कि इस क्षेत्र में ईसा पूर्व 8000 से मानव बस्ती रही है। लगभग 1000 ईसा पूर्व से लौह युग का सूत्रपात हुआ। मालाबार और तमिल लोग संगम प्राचीन काल में यूनान और रोम से व्यापार किया करते थे। वे रोम, यूनान, चीन, अरब, यहूदी आदि लोगों के सम्पर्क में थे। प्राचीन दक्षिण भारत में विभिन्न समयों तथा क्षेत्रों में विभिन्न शासकों तथा राजवंशों ने राज किया। सातवाहन, चेर, चोल, पांड्य, चालुक्य, पल्लव, होयसल, राष्ट्रकूट आदि ऐसे ही कुछ राजवंश हैं। मध्यकालीन युग के आरंभिक मध्य में क्षेत्र मुस्लिम शासन तथा प्रभाव के अधीन रहा। सबसे पहले तुगलकों ने दक्षिण में अपना प्रभाव बढ़ाया। अलाउद्दीन खिलजी ने यूँ तो मदुरै तक अपना सैनिक अभियान चलाया था पर उसकी मृत्यु के बाद उसका साम्राज्य टिक नहीं सका। सन् 1323 में यहाँ तुर्कों द्वारा मुस्लिम बहमनी सल्तनत की स्थापना हुई। इसके कुछ सालों बाद हिन्दू विजयनगर साम्राज्य की स्थापना हुई। इन दोनों में सत्ता के लिए संघर्ष होता रहा। सन् 1565 में विजयनगर का पतन हो गया। बहमनी सल्तनत के पतन के कारण 5 नए साम्राज्य बने - बीजापुर तथा गोलकोण्डा सबसे शक्तिशाली थे। औरंगजेब ने सत्रहवीं सदी के अन्त में दक्कन में अपना प्रभुत्व जमा लिया पर इसी समय शिवाजी के नेतृत्व में मराठों का उदय हो रहा था। मराठों का शासन अट्ठारहवीं सदी के उत्तरार्ध तक रहा जिसके बाद मैसूर तथा अन्य स्थानीय शासकों का उदय हुआ। पर इसके 50 वर्षों के भीतर पूरे दक्षिण भारत पर अंग्रेज़ों का अधिकार हो गया। 1947 में स्वराज्य आया।

संस्कृतिसंपादित करें

भाषा और सास्कृतिक रूप से यह शेष भारत से भिन्न भारत का ही अंग है।

पर्यटनसंपादित करें

दक्षिण भारत, गर्मियों के दौरान एक अत्यधिक मांग वाला पर्यटन स्थल, दक्षिण भारत में कई लोकप्रिय गर्मियों की छुट्टियों के स्थानों के साथ बिंदीदार। इतिहास, वास्तुकला, सुंदर दृश्य, सुखद मौसम, रोमांच और अविश्वसनीय अनुभव आकर्षण में इजाफा करते हैं। तो दक्षिण भारत सुंदरता और रहस्य का एक पूर्ण पैकेज है, और गर्मी और आर्द्रता से दूर है। समुद्र तटों, बैकवाटर्स, हिल स्टेशनों, वन्यजीव अभयारण्यों, प्राचीन मंदिरों, ऐतिहासिक शहरों और बहुत कुछ का आनंद लें[3]

क्षेत्र और भूगोलसंपादित करें

इस क्षेत्र को तथा इसके कई अंगों को भूगोल और संस्कृति के आधार पर कई विशेष नाम दिए जाते हैं। इनका विवरण नीचे है -

सन्दर्भसंपादित करें

  1. "नज़रियाः दक्षिण भारत पर इतने मेहरबान क्यों दिखे मोदी?". मूल से 5 दिसंबर 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 5 दिसंबर 2018.
  2. "ब्लॉग: मोदी को दक्षिण चाहिए, दक्षिण को भाजपा चाहिए कि नहीं चाहिए?". मूल से 5 दिसंबर 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 5 दिसंबर 2018.
  3. "16 Best Tourist Places in South India during Summer". ArrestedWorld (अंग्रेज़ी में). 2018-06-03. मूल से 29 जनवरी 2021 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2020-09-11.

बाहरी कड़ियाँसंपादित करें