तथ्य-मूल्य विभेद
तथ्य-मूल्य भेद, अंतर या द्विभाजन (Fact-value distinction) एक मौलिक ज्ञानमीमांसक भेद है जिसका वर्णन इनके बीच किया गया है: [1]
- तथ्य के कथन (तथ्यात्मक (positive) या वर्णनात्मक कथन ), तर्कबुद्धि और भौतिक अवलोकन पर आधारित होते हैं, और जिनकी जांच अनुभवजन्य पद्धति से की जाती है।
- मूल्य के कथन ( मानदंडक या निर्देशात्मक कथन ), जो नैतिकता और सौंदर्यशास्त्र को शामिल करते हैं, और मूल्यमीमांसा के माध्यम से अध्ययन किए जाते हैं।
तथ्य और मूल्य के बीच यह बाधा, जैसा कि ज्ञानमीमांसा में समझा जाता है, इसका तात्पर्य यह है कि तथ्यात्मक तर्कयुक्तियों से नैतिक दावे प्राप्त करना, या बाद वाले का उपयोग करके पूर्व का बचाव करना असंभव है। [2]
तथ्य-मूल्य भेद का डेविड ह्यूम द्वारा वर्णित नैतिक दर्शन में 'है-चाहिए' समस्या से निकटता से संबंधित और व्युत्पन्न है। [3]
- ↑ Väyrynen, Pekka (2019). Zalta, Edward N. (संपा॰). "Thick Ethical Concepts". The Stanford Encyclopedia of Philosophy. Metaphysics Research Lab, Stanford University. अभिगमन तिथि 28 October 2019.
- ↑ Prior, AN (1960). The Autonomy of Ethics, Australasian Journal of Philosophy, 38(3): 199–206.
- ↑ Pigden, Charles (2018-12-06), Sinclair, Neil (संपा॰), "No-Ought-From-Is, the Naturalistic Fallacy, and the Fact/Value Distinction: The History of a Mistake", The Naturalistic Fallacy, Cambridge University Press, पपृ॰ 73–95, आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-1316717578, डीओआइ:10.1017/9781316717578.006, अभिगमन तिथि 2022-12-06