तमसा नदी

भारत में नदी
(तमसा से अनुप्रेषित)
उत्तराखण्ड में टोंस नामक नदी के लिए टोन्स नदी का लेख देखें

तमसा नदी (Tamsa River), जिसे टोंस नदी (Tons River) भी कहा जाता है, भारत के मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश राज्यों में बहने वाली एक नदी है। यह गंगा नदी की एक उपनदी है। यह मध्य प्रदेश में कैमूर पर्वतमाला में स्थित तमसा कुण्ड नामक जलाशय से उत्पन्न होती है। उत्तर-पूर्वी दिशा में लगभग 64 किलोमीटर की पहाड़ी यात्रा के बाद यह मैदानी भाग में प्रवेश करके बेलन नदी से मिलती है। उत्तर प्रदेश में प्रयागराज से 32 किलोमीटर दूर ही सिरसा के निकट यह गंगा नदी में मिल जाती है। इसकी कुल लम्बाई लगभग 265 किलोमीटर है। इस के मार्ग में कई सुंदर जलप्रपात भी हैं।[1][2][3]

तमसा नदी
Tamsa River
टोंस नदी
तमसा नदी is located in भारत
तमसा नदी
तमसा नदी का मुहाना
स्थान
देश  भारत
राज्य मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश
भौतिक लक्षण
नदीशीर्ष 
 • स्थानमैहर, सतना ज़िला, कैमूर पर्वतमाला, मध्य प्रदेश
 • ऊँचाई610 मी॰ (2,000 फीट)
नदीमुख गंगा नदी
 • स्थान
प्रयागराज, उत्तर प्रदेश
 • निर्देशांक
25°27′18″N 82°09′38″E / 25.45500°N 82.16056°E / 25.45500; 82.16056निर्देशांक: 25°27′18″N 82°09′38″E / 25.45500°N 82.16056°E / 25.45500; 82.16056
लम्बाई 264 कि॰मी॰ (164 मील)
जलसम्भर आकार 16,860 कि॰मी2 (6,510 वर्ग मील)
जलसम्भर लक्षण

विवरणसंपादित करें

यह नदी मध्य प्रदेश के सतना ज़िले के कैमोर श्रेणी में स्थित मैहर के समीप तमशाकुण्ड जलाशय से निकलकर उत्तर-पूर्व में प्रवाहित होती है तथा सतना नदी में मिलती हैँ। पुरबा के निकट यह मैदान में उतरती हैँ। यह नदी अपने मार्ग में सुन्दर जलप्रपात बनाती हैँ। यह प्रयागराज के समीप मेजा तहसील में सिरसा नामक स्थान पर गंगा नदी में मिल जाती हैँ। वेलन इसकी सहायक नदी हैँ। इसकी लम्बाई 265 किलोमीटर हैँ। सिरसा टोंस नदी तट पर स्थित है। मऊनाथ भंजन तमसा नदी (टोंस नदी) के किनारे बसा है। तमसा नदी मऊ के उत्तर से निकलती है|यह पहले सीतामढ़ी के निकट से बहती थी। जहा पर बाल्मिकी आश्रम है। वही पर सीता जी का समाहित स्थल भी है। जहा पर आज भी सीता जी का केश स्रपित जैसा बाल वाला घास है जो कोई भी पशु नही खाते है। वह आज भी सुरछित है। अभी यह नदी सिरसा बाजार के पास ही गंगा नदी में मिलती है।

पुराण-प्रसिद्ध तमसासंपादित करें

वर्तमान में यह तमसा नदी अम्बेडकर नगर से निकलकर आज़मगढ़, मऊनाथ भंजन (मऊ) होते हुए बलिया जिले में गंगा में मिलती है। इसकी लम्बाई 89 कि०मी० है। आजमगढ़ में यह नदी तीन तरफ से बहती है। शहर नदी से तीन तरफ से घिरा है। शहर की सुरक्षा के लिए टौंस एडवान्स एवं शहर सुरक्षा बांध बना है।[4]

तमसा का उल्लेख वाल्मीकीय रामायण में अयोध्या के निकट बहने वाली छोटी नदी के रूप में हुआ है।[5] वन जाते समय श्री राम लक्ष्मण और सीता ने प्रथम रात्रि तमसा-तीर पर ही बितायी थी। इससे स्पष्ट होता है कि रामायण तथा पुराणों में प्रसिद्ध तमसा यही है। वर्तमान में यह तमसा नदी अयोध्या (जिला फैजाबाद) से लगभग 12 मील दक्षिण में बहती हुई लगभग 36 मील के बाद अकबरपुर के पास बिस्वी नदी से मिलती है तथा इसके बाद संयुक्त नदी का नाम टौंस हो जाता है, जो कि तमसा का ही अपभ्रंश माना गया है। तमसा नदी पर अयोध्या से कुछ दूर पर वह स्थान भी बताया जाता है जहां श्रवण कुमार की मृत्यु हुई थी। अयोध्या से लगभग 12 मील दूर तरडीह नामक ग्राम है जहाँ स्थानीय किंबदंती के अनुसार श्री राम ने वनवास यात्रा के समय तमसा को पार किया था। वह घाट अभी भी रामचौरा के नाम से विख्यात है। यह टौंस नदी आजमगढ़, मऊ जिले में बहती हुई बलिया के पश्चिम में गंगा में मिल जाती है।[6]

इन्हें भी देखेंसंपादित करें

सन्दर्भसंपादित करें

  1. उत्तर प्रदेश सामान्य ज्ञान, जैन एवं डॉ० सोलंकी, उपकार प्रकाशन, आगरा, पृष्ठ-26.
  2. "Inde du Nord: Madhya Pradesh et Chhattisgarh Archived 2019-07-03 at the Wayback Machine," Lonely Planet, 2016, ISBN 9782816159172
  3. "Tourism in the Economy of Madhya Pradesh," Rajiv Dube, Daya Publishing House, 1987, ISBN 9788170350293
  4. "संग्रहीत प्रति". मूल से 23 मार्च 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 23 मार्च 2018.
  5. श्रीमद्वाल्मीकीय रामायण (सटीक), प्रथम भाग, अयोध्याकाण्ड-45-32; गीताप्रेस गोरखपुर, संस्करण-1996 ई०, पृष्ठ-303.
  6. ऐतिहासिक स्थानावली, विजयेंद्र कुमार माथुर, राजस्थान हिंदी ग्रंथ अकादमी, जयपुर, द्वितीय संस्करण-1990, पृष्ठ-391.