तारककाय
तारककाय वह कोशिकांग हैं जो दो बेलनाकार संरचना से मिलकर बना होता है, जिसे तारक केन्द्र कहते हैं। यह अक्रिस्टलीय परिकेन्द्रीय द्रव्य से घिरा होता है। दोनों तारककेन्द्र तारककाय में परस्पर के लम्बवत् स्थित होते हैं, जिसमें प्रत्येक की संरचना बैलगाड़ी के पहिए जैसी होती है। तारककेंद्र संख्या में नौ समान दूरी पर स्थित परिधीय ट्यूब्यूलिन सूत्रों से बने होते हैं। प्रत्येक परिधीय सूत्रक एक त्रिक होते हैं। पास के त्रिक आपस में जुड़े होते हैं। तारककेन्द्र का अग्र भीतरी भाग प्रोटीन का बना होता है जिसे धुरी कहते हैं, यह परिधीय त्रिक के नलिका से प्रोटीन से बने अरीय दण्ड से जुड़े होते हैं। तारककेन्द्र पक्ष्माभ व कशाभिका का आधारकाय बनाता है और तर्कुतन्तु जन्तु कोशिका विभाजन के उपरान्त तर्क उपकरण बनाता है।[1]
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