तारा पाटकार
भारतीय सामाजिक कार्यकर्ता
तारा पाटकार (जन्म 7 जून 1970) का जन्म भारत के महोबा जिले में हुआ था। पहले वे एक पत्रकार थे और बाद में उन्होंने पत्रकारिता को त्याग दिया और वह एक सामाजिक कार्यकर्ता और सामाजिक सुधारक के रूप में कार्य करने लगे।[1] महोबा जिले में कोई भी भूखे पेट न सोए उसके लिए पाटकार ने बुंदेली समाज और देश के पहले रोटी बैंक की स्थापना की।[2][3] उनकी टीम रोजाना लगभग 1000 लोगों को खाना खिलाती है। कालांतर में इसकी तर्ज पर अनेक जनपदों में रोटी बैंक स्थापित हो चुके हैं परन्तु इसका सबसे व्यवस्थित स्वरूप इंडियन रोटी बैंक नाम से चलाया का रहा है[4][5][6]
तारा पाटकार | |
---|---|
जन्म |
7 जून 1970 महोबा, उत्तर प्रदेश, भारत |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
उपनाम | तारा |
शिक्षा | डी.ए.वी. इण्टर कॉलेज महोबा |
शिक्षा की जगह | लखनऊ यूनिवर्सिटी |
संदर्भ
संपादित करें- ↑ "Ex-Journalist, Osho-Lookalike Tara Patkar Is Mahoba's Roti Bank Outlook India Magazine". https://magazine.outlookindia.com/. मूल से 7 मार्च 2021 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2021-03-03.
|website=
में बाहरी कड़ी (मदद) - ↑ "PM Modi को 10वीं बार खून से लिखा खत, जनिए- क्यों बुंदेले कर रहे हैं ऐसा". Dainik Jagran. अभिगमन तिथि 2021-03-03.
- ↑ Leader, The Weekend. "Bundeli Samaj founder does not want anyone to sleep in an empty stomach". www.theweekendleader.com (English में). अभिगमन तिथि 2021-03-03.सीएस1 रखरखाव: नामालूम भाषा (link)
- ↑ "A Small Town in Uttar Pradesh Is Teaching the World How Hunger Can Be Beaten with One Small Step". The Better India (अंग्रेज़ी में). 2016-12-02. अभिगमन तिथि 2021-03-03.
- ↑ "Meet 'Roti Bank' Mahoba Founding member : Tara Patkar Bundelkhand Research Portal". bundelkhand.in. अभिगमन तिथि 2021-03-03.
- ↑ "Tara-patkar News, Tara-patkar की ताज़ा ख़बर, Tara-patkar हिंदी न्यूज़". Hindustan. अभिगमन तिथि 2021-03-03.