तुर्बत की हत्याएँ
अप्रैल २००९ को तुर्बत में तीन प्रमुख बलोच राष्ट्रवादी राजनैतिक नेताओं की हत्या हुई थी जिसे तुर्बत की हत्याएँ के नाम से जाना जाता है। ऐसा विश्वास किया जाता है कि पाकिस्तान की गुप्तचर संस्थाओं ने ये हत्याएँ की थीं। [1] जिन तीन लोगों की हत्या की गयी थी, वे ये थे-
- गुलाम मोहम्मद बलोच, 45 वर्ष के, बलोच राष्ट्रीय आन्दोलन के अध्यक्ष
- लाला मुनिर बलोच, 50 वर्ष के, बलोच नेशनल फ्रॉन्ट के महासचिव
- शेर मोहम्मद बुगती, 35 वर्ष के, बलोच रिपब्लिकन पार्टी के उपाध्यक्ष
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, ३ अप्रैल २००९ को जब ये तीनों लोग तुर्बत के एक कोर्ट में एक सुनवाई के उपलक्ष्य पहुँचे थे तभी इन तीनों को सुरक्षा एजेन्सी के कुछ सदस्यों ने धर लिया। पाँच दिन बाद उनके क्षत-विक्षत और सड़े हुए शव पिदरक में मिला जो उस स्थान से ३५ किमी दूर है जहाँ से इनको धरा गया था। [2]
इन हत्याओं का पता लगते ही पाकिस्तान के बलोचिस्तान तथा अन्य बलोच-बहुल क्षेत्रों में भारी विरोध, दंगे, और हड़ताल शुरू हो गये।[3]
सन्दर्भसंपादित करें
- ↑ Fingers point at state intelligence agencies in the killings of three Baloch nationalist leaders Archived 3 मार्च 2011 at the वेबैक मशीन., Asian Human Rights Commission, 11 April 2009
- ↑ Three political activists are found murdered after daylight abduction Archived 2 मार्च 2011 at the वेबैक मशीन., Asian Human Rights Commission, 9 April 2009
- ↑ Balochistan deaths spark strikes Archived 20 नवम्बर 2017 at the वेबैक मशीन., BBC, 10 April 2009