तोबा झील
तोबा झील इण्डोनेशिया के द्वीप सुमात्रा के उत्तर-मध्य में स्थित एक झील और एक महाज्वालामुखी है। यह झील १०० कि॰मी॰ लम्बी और ३० कि॰मी॰ चौड़ी है और इसकी अधिकतम गहराई ५०० मीटर है। तोबा झील इण्डोनेशिया की सबसे बड़ी झील है और विश्व की सबसे बड़ी ज्वालामुखीय झील भी है। ज्वालामुखीय झीलें वह झीलें होती हैं जो किसी जीवित या मृत ज्वालामुखी के मुंह में पानी भर जाने से बन जाती हैं। यह माना जाता है कि आज से क़रीब ६९,००० से लेकर ७७,००० साल पहले इस ज्वालामुखी में विश्व का सबसे बड़ा ज्वालामुखीय विस्फोट हुआ।
यह अनुमान लगाया जाता है के इस विस्फोट के कारण विश्व में उस समय मौजूद अधिकतर मनुष्य मारे गए थे और मनुष्यजाति हमेशा के लिए नष्ट होने के बहुत क़रीब आ पहुंची थी। हिंद उपमहाद्वीप के पूरे क्षेत्र को इस विस्फोट से अत्यंत हानि हुई जिसमे इस क्षेत्र के सारे जंगल नष्ट हो गये। इस पूरे इलाक़े पर राख की मोटी परत फैल गयी जो आज भी सारे भारत और पाकिस्तान में ज़मीन के नीचे पायी जाती है।[1][2]
तोबा झील के किनारे बताक लोग रहते हैं जो मलय लोगों से नृजातीय रूप से अलग हैं। यहाँ तक पहुँचने के लिये मेदान सबसे नज़दीकी हवाई अड्डा है और सियांतर सबसे नज़दीकी रेलवे स्टेशन।
इन्हें भी देखें
संपादित करेंसन्दर्भ
संपादित करें- ↑ Supervolcano: The Catastrophic Event That Changed the Course of Human History[मृत कड़ियाँ], John Savino and Marie D. Jones, pp. 123, Career Press, 2007, ISBN 9781564149534, ... In the regional to global distance range, the eruption of Toba formed a very widespread ash fall deposit over the equatorial oceans and southern Asia. A layer of ash with an estimated thickness of 6 inches reportedly accumulated over the entire Indian subcontinent ...
- ↑ A Companion to Global Environmental History, J. R. McNeill and Erin Stewart Mauldin, pp. 2019, John Wiley & Sons, 2012, ISBN 9781118279540, ... Toba's impacts probably brought the human species close to extinction: it is possible to interpret the DNA evidence to mean that at around this time our ancestors' numbers were reduced to 10,000 or so - our closest brush with extinction so far ...