त्रिरत्न
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त्रिरत्न (तीन रत्न) बौद्ध धर्म के सबसे महत्त्वपूर्ण अंग हैं। इन त्रिरत्नों पर ही बौद्ध धर्म आधारित हैं।
त्रिरत्न :- बुद्ध, धम्म और संघ.
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बुद्ध
संपादित करेंबुद्ध का मतलब जागृत एवं अनंत ज्ञानी मनुष्य, जिसने खुद के प्रयासों से बुद्धत्व प्राप्त किया। ‘बुद्ध’ शाक्यमूनी तथागत गौतम बुद्ध है।
बुद्ध = तार्किक ज्ञान (विचारक-वि0 कौशल कान्त बौद्ध)
धम्म
संपादित करेंबौद्ध धर्म की शिक्षाओं को धम्म कहते हैं। संपूर्ण बौद्ध धर्म ‘धम्म' पर आधारित है।
धम्म= नैतिकता (विचारक-वि0 कौशल कान्त बौद्ध)
संघ
संपादित करेंबौद्ध धर्म में बौद्ध भिक्खूओं और बौद्ध उपासकों के संघटन को संघ कहते हैं। बौद्ध भिक्खू और बौद्ध उपासक ये दोनों ही बौद्ध धर्म के अनुयायी हैं। धम्म प्रचार के लिए संघ का महत्त्वपूर्ण योगदान होता हैं।
संघ=राज्य ; तर्कप्रधानो की संगत (विचारक-वि0 कौशल कान्त बौद्ध)