थेल्स
थेल्स का जन्म ग्रीक के छोटे से राज्य माईलेट्स नगर में हुआ।इन्हें प्रथम यूनानी दार्शनिक माना जाता है। पाश्चात्य जगत में दर्शनशास्त्र के संस्थापक के रुप में भी इन्हें जाना जाता है। इनको यूनान के सप्त ऋषियों या सात बुद्धिमानों में से एक माना जाता है।
थेल्स | |
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जन्म |
625 BCE (Julian)[1][2][3][4][5][6][7] |
मौत |
540s BCE (Julian)[8][9][10][11] |
मौत की वजह | प्राकृतिक मृत्यु[12] लू लगना[12] |
पेशा | गणितज्ञ, दार्शनिक, खगोल विज्ञानी, भौतिक विज्ञानी, अभियन्ता, लेखक,[13] शिक्षक |
प्रसिद्धि का कारण | थेल्स का प्रमेय |
धर्म | अद्वैतवाद |
585-584 बी. सी. में सूर्यग्रहण की भविष्यवाणी का भी श्रेय इन्हें दिया जाता है।
ये माईलेशियन मत के भी संस्थापक है। इनके दर्शन की तीन प्रमुख मान्यताएं है
1. समस्त वस्तुओं में देवों का प्रभाव/निवास है। ये विश्वात्मा(जल) में भी विश्वास रखते हैं।
2. पृथ्वी एक समतल चक्र के समान है जो जल पर तैरती है।
3. जल ही समस्त भौतिक वस्तुओं का कारण और समस्त प्राणी जीवन का आधार है।
थेल्स विश्व का परम तत्व जल को ही मानते थे क्योंकि संसार में सभी वस्तुएं या तो ठोस या द्रव या गैस रुप में मिलती हैं और जल में वे सब गुण शामिल है जिसके कारण वह ठोस, तरल और गैस(भाप) का रूप धारण कर सकता है।
थेल्स ने प्रकृति को एक सजीव, गतिशील, क्रियात्मक एवं परिवर्तनात्मक सिद्धांत के रूप में देखा क्योंकि वे मानते थे कि परम तत्व सर्वत्र व्याप्त है। सर्वप्रथम थेल्स के द्वारा विश्व की तात्विक व्याख्या प्रकृतिवादी होने के कारण इसे वैज्ञानिक कहा जाएगा। उन्होंने न तो विश्व की व्याख्या में पारलौकिक शक्तियों का हाथ माना और न हीं मानवत्वारोपण किया।
मिस्र देश से यूरोप में ज्यॉमिति की परंपरा लाना और समुद्री जहाज की दूरी को समुद्र तट से नापने की विधि को भी वे जानते थे। चुंबक में भी आत्मा का वास उन्होंने स्वीकार किया है। थेलीज सभी वस्तु चर और अचर में प्राण शक्ति के रहने को स्वीकार करते थे। थेल्स यूनान का महान दार्शनिक थे। इनको ज्यामिति का जनक कहा जाता है। इन्होंने गणितीय भूगोल में महत्वपूर्ण योगदान दिया था।
उस समय के सात यूनानी भौतिक विज्ञानिको में थेल्स का प्रथम स्थान था और "आयोनिक स्कुल ऑफ फिलासफी " से सम्बंधित था .इन्होने मिस्र और सहलग्न देशो की यात्रा की ।.मिस्र के ज्यामिति से परिचित थे और इसी के आधार पर उसने दो स्थान के बिच दूरी को नापे थे । इन्होने नील नदी की उत्पति ,कटाव और डेल्टा प्रदेश का भी विवरण दिया है ।इन्होने पृथ्वी के आकृति को गुम्बदकार बताया और उसकी स्थिति ब्रह्माण्ड के बिच में बताई थी ।
इन्होने पृथवी को पाँच जलवायु में बटा था ।उस समय पृथ्वी के बहुत छोटे से भू -भाग का ही ज्ञान यूनानियो को था ।
थेल्स ने बताया कि जीवन का उद्गम जल में हुआ है
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- ↑ https://doi.org/10.1007/978-0-387-30400-7_1371. अभिगमन तिथि 17 अक्टूबर 2021. गायब अथवा खाली
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(मदद) - ↑ https://www.britannica.com/biography/Thales-of-Miletus. अभिगमन तिथि 17 अक्टूबर 2021. गायब अथवा खाली
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(मदद) - ↑ "Talète di Mileto". अभिगमन तिथि 17 अक्टूबर 2021.
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- ↑ अ आ Diogenes Laërtius (3. शताब्दी), Βίοι καὶ γνῶμαι τῶν ἐν φιλοσοφίᾳ εὐδοκιμησάντων
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में तिथि प्राचल का मान जाँचें (मदद), Wikidata Q1282359 - ↑ Charles Dudley Warner, संपा॰ (1897), Library of the World's Best Literature, Wikidata Q19098835