दयानन्द बान्दोडकर
दयानन्द बालकृष्ण बान्दोडकर (12 मार्च 1911 - 12 अगस्त 1973) गोवा, दामन और दीव के प्रथम मुख्यमंत्री थे। महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी (एमजीपी) [1] का प्रतिनिधित्व करते हुए उन्होने 1963, 1967 और 1972 के चुनावों में भारी विजय प्राप्त की और 1973 में अपनी मृत्यु तक सत्ता में बने रहे। [2]
दयानन्द बान्दोडकर | |
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पद बहाल 1963–1973 | |
उत्तरा धिकारी | शशिकला काकोडकर |
जन्म | 12 मार्च 1911 |
मृत्यु | 12 अगस्त 1973 | (उम्र 62 वर्ष)
राजनीतिक दल | मगोपा |
व्यवसाय | भारतीय राजनेता |
उन्होंने महाराष्ट्र राज्य के साथ इस क्षेत्र का विलय करने की मांग की थी। हालांकि स्थानीय लोगों ने उनके प्रस्ताव का कड़ा विरोध किया। भारत की तत्कालीन प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी ने तब उन्हें दो विकल्प दिए: [3]
- केंद्र शासित प्रदेश के रूप में गोवा की वर्तमान स्थिति को बनाए रखना,
- गोवा का महाराष्ट्र में विलय तथा दमन और दीव को गुजरात में विलय
भारतीय संसद के दोनों सदनों द्वारा उपरोक्त मुद्दे पर जनमत संग्रह करने के लिए १९६६ में एक विधेयक पारित हुआ। इस विधेयक के अनुसार 16 जनवरी 1967 को एक जनमत सर्वेक्षण आयोजित किया गया था जिसमें केंद्र शासित प्रदेश के रूप में अपनी स्थिति बनाए रखने के पक्ष को बहुमत मिला।
12 अगस्त 1973 को 62 साल की उम्र में बंदोदकर का निधन हो गया। उनकी बेटी शशिकला काकोडकर को उत्तराधिकारी बनाया गया।
कार्यकाल
संपादित करें- 20 दिसंबर 1963 - 2 दिसंबर 1966 (3 वर्ष)
- 5 अप्रैल 1967 - 23 मार्च 1972 (5 वर्ष)
- 23 मार्च 1972 - 12 अगस्त 1973 (1.5 वर्ष)
इन्हें भी देखें
संपादित करें- गोवा के मुख्यमंत्री
- गोवा का जनमत सर्वेक्षण
- शशिकला काकोदकर
- लीना चंदावरकर
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "Remembering Dayanand Bandodkar - first CM of Goa" (अंग्रेज़ी में). 2016-08-12. अभिगमन तिथि 2018-12-12.
- ↑ "Assemblywise Chief Ministers of Goa". Goa News. 2003-01-20. मूल से 2006-11-07 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2007-01-14.
- ↑ "History of Goa". Goa Central. मूल से 11 January 2007 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2007-01-14.
बाहरी कड़ियाँ
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