दरबारी कवि सरकार अथवा राजा अथवा ऐसे किसी सक्षम संस्थान द्वारा आधिकारिक रूप से नियुक्त कवि को कहा जाता है। ऐसे कवि को सामान्यतः विशिष्ट घटनाओं एवं अवसरों के लिए अपनी कविताओं की रचना करनी होती है। उदाहरण के लिए जोधराज पृथ्वीराज चौहान के वंशज चंद्रभान के दरबारी कवि थे।[1]

सन्दर्भ संपादित करें

  1. "पृष्ठ:हिंदी साहित्य का प्रथम इतिहास.pdf/७६ - विकिस्रोत". hi.wikisource.org. अभिगमन तिथि 2022-05-31.