दस्तक (1996 फ़िल्म)

1996 की महेश भट्ट की फ़िल्म

दस्तक 1996 में बनी हिन्दी भाषा की नाट्य फिल्म है। इसका निर्देशन महेश भट्ट ने किया और अपनी पहली फिल्म में सुष्मिता सेन प्रमुख भूमिका में हैं। सहायक कलाकर में मुकुल देव और खलनायक के किरदार में शरद कपूर हैं जिनकी भी ये पहली फिल्म रही। फिल्म तो बुरी तरह पिटी थी लेकिन इसका एक गीत "जादू भरी आँखों" लोकप्रिय रहा।

दस्तक

दस्तक का पोस्टर
निर्देशक महेश भट्ट
लेखक विक्रम भट्ट
निर्माता मुकेश भट्ट
अभिनेता सुष्मिता सेन,
मुकुल देव,
शरद कपूर
संगीतकार राजेश रोशन
प्रदर्शन तिथियाँ
  • 29 नवम्बर 1996 (1996-11-29)
देश भारत
भाषा हिन्दी

संक्षेप संपादित करें

दस्तक, मानसिक रूप से अस्थिर लेकिन प्रभावशाली व्यक्ति (शरद कपूर) और मिस यूनिवर्स (सुष्मिता सेन) के लिए उसके जुनून की कहानी है। शरद का सुष्मिता के लिये जुनून इतना है कि वह उसे पाने के लिए उसके नजदीकी और प्रियजनों को मारना शुरू कर देता है। आखिरकार, वह सुष्मिता का अपहरण कर लेता है और उसे सेशेल्स में एक दूर पृथक द्वीप पर ले जाता है। वहाँ, वह उसके जीवन को दुखी करता है। सुष्मिता इस नरक से बाहर निकलने के लिए हर तरीके की कोशिश करती है।

लेकिन आखिरकार, सब कुछ बिखर जाता है। सुष्मिता शरद को सुधारने की कोशिश करती है कि उसे शारीरिक और मानसिक दर्द (जो कि उसने अपने बचपन में सहे) को अन्य लोगों पर डालने के बजाय अपनी समस्याओं का सामना करना चाहिए। लेकिन शरद अपने तरीकों और सोच को बदलने से इंकार कर देता है। अंत में, वह सुष्मिता को मारने की कोशिश करता है क्योंकि वह उससे प्यार नहीं करती। फिर सुष्मिता ने आत्मरक्षा में शरद को मार दे देती है। वह एक स्व-सहायता पुस्तक लिखती है और इसे शरद जैसे लोगों को समर्पित करती है।

मुख्य कलाकार संपादित करें

संगीत संपादित करें

सभी गीत जावेद अख्तर द्वारा लिखित; सारा संगीत राजेश रोशन द्वारा रचित।

क्र॰शीर्षकगायकअवधि
1."पिया पिया"हेमा सरदेसाई5:55
2."तुम्हें कैसे मैं बताऊँ"अभिजीत4:10
3."जादू भरी आँखों वाली सुनो"उदित नारायण5:06
4."मिलने से पहले"उदित नारायण, कविता कृष्णमूर्ति5:11
5."तुम्हें कैसे मैं बताऊँ" (II)अभिजीत5:22
6."शीशे से बनी एक लड़की"कुमार सानु5:48
7."पल बीत गया ये तो"कुमार सानु, अलका याज्ञिक5:54

बाहरी कड़ियाँ संपादित करें