दस धर्मादेश
दस धर्मादेश या दस फ़रमान,यहूदी धर्म और ईसाई धर्म के वह दस नियम हैं जिनके बारे में उन धार्मिक परम्पराओं में यह माना जाता है कि वे धार्मिक नेता मूसा को ईश्वर ने स्वयं दिए थे। इन धर्मों के अनुयायिओं की मान्यता है कि यह मूसा को सीनाई पर्वत के ऊपर दिए गए थे।[1] पश्चिमी संस्कृति में अक्सर इन दस धर्मादेशों का ज़िक्र किया जाता है या इनके सन्दर्भ में बात की जाती है।[2]
दस धर्मादेश
संपादित करेंईसाई धर्मपुस्तक बाइबिल के अनुसार यह दस आदेश इस प्रकार थे:[3]
अंग्रेज़ी | हिन्दी अनुवाद |
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1. Thou shalt have no other Gods before me |
१. तुम मेरे अलावा किसी अन्य देवता को नहीं मानोगे |
टिपण्णी १ - हफ़्ते के सातवे दिन को सैबथ कहा जाता था जो यहूदी मान्यता में आधुनिक सप्ताह का शनिवार का दिन है।
इन्हें भी देखें
संपादित करेंसन्दर्भ
संपादित करें- ↑ DK Eyewitness Travel Guide: Jerusalem, Israel, Petra & Sinai Archived 2015-03-23 at the वेबैक मशीन, Dorling Kindersley, pp. 237, Penguin, 2010, ISBN 978-0-7566-8323-8, ... It's here that God supposedly first spoke to Moses through the medium of a burning bush and here, on Mount Sinai, that Moses received the Ten Commandments. The peninsula has been crossed by countless armies ...
- ↑ Reverberations of Faith: A Theological Handbook of Old Testament Themes Archived 2015-03-23 at the वेबैक मशीन, Walter Brueggemann, pp. 51, Westminster John Knox Press, 2002, ISBN 978-0-664-22231-4, ... In a variety of ways and sometimes with great contentiousness, the Ten Commandments have functioned as a defining point in shaping the ethical assumptions of Western culture ...
- ↑ The Divine Drama: The Old Testament as Literature Archived 2015-03-23 at the वेबैक मशीन, John Dancy, pp. 132, James Clarke & Co., 2002, ISBN 978-0-7188-2987-2, ... The Ten Commandments ... Thou shalt have no othe Gods before me ...