दार्दिस्तान (पारसी-अरबी : داردستان) जी डब्ल्यू लिटनर द्वारा दिया गया एक भौगोलिक नाम है जो भारतीय कश्मीर, उत्तरी पाकिस्तान तथा उत्तर-पूर्वी अफगानिस्तान को सूचित करता है। इस भूभाग के निवासी दार्दी भाषाएँ बोलते हैं और 'दार्द' कहलाते हैं। इसके अंतर्गत चित्राल, यासिन, पेंन्याल, गिलगिट घाटी, हुजा एवं नागार बुंजी से वातेरा तक की सिंधु घाटी अस्तोर घाटी तथा कोहिस्तान मालाजाई क्षेत्र थे। इसका उल्लेख प्लिनी एवं टालिमी नामक इतिहासवेत्ताओं ने भी किया है।

दार्द लोग 'आर्य जाति' के माने गए हैं। वे चौदहवीं शती में मुसलमान बन गए थे।