दुर्लभराज तृतीय
दुर्लभराज तृतीय (शासन सी॰ 1065-1070 सीई) शाकम्भरी चाहमान वंश से संबंधित एक भारतीय राजा थे। उन्होंने सपादलक्ष देश पर शासन किया, जिसमें उत्तर-पश्चिमी भारत में वर्तमान राजस्थान के कुछ हिस्से शामिल थे।[1]
दुर्लभराज तृतीय | |
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महाराजाधिराज | |
सपादलक्ष के राजा | |
शासनावधि | सी॰ 1065-1070 सीई |
पूर्ववर्ती | चामुंडराज |
उत्तरवर्ती | विग्रहराज तृतीय |
राजवंश | चाहमान वंश |
प्रारंभिक जीवन
संपादित करेंदुर्लभराज तृतीय, जिन्हें दुसाला के नाम से भी जाना जाता है, ने अपने पिता चामुंडाराज को चाहमान सिंहासन पर बैठाया। इतिहासकार दशरथ शर्मा का कहना है कि सिम्हत दुर्लभराज का एक बड़ा भाई हो सकता था।[2][3]
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ R. B. Singh 1964, पृ॰प॰ 125-126.
- ↑ Dasharatha Sharma 1959, पृ॰ 35.
- ↑ R. B. Singh 1964, पृ॰ 125.
ग्रंथसूची
संपादित करें- Dasharatha Sharma (1959). Early Chauhān Dynasties. S. Chand / Motilal Banarsidass. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 9780842606189.
- R. B. Singh (1964). History of the Chāhamānas. N. Kishore. OCLC 11038728.