देउर कोठार
देउर कोठार (Deur Kothar) भारत के मध्य प्रदेश राज्य के रीवा ज़िले में स्थित एक पुरातत्व स्थल है। यह अपने बौद्ध स्तूपों के लिए जाना जाता है। यह सन् 1982 में प्रकाश में आए थे और इन्हें सम्राट अशोक के शासनकाल (तीसरी शताब्दी ईसापूर्व) में बनाया गया था।[1][2]
देउर कोठार | |
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Deur Kothar | |
धर्म संबंधी जानकारी | |
सम्बद्धता | बौद्ध धर्म |
वर्तमान स्थिति | संरक्षित |
अवस्थिति जानकारी | |
ज़िला | रीवा ज़िला |
राज्य | मध्य प्रदेश |
देश | भारत |
भौगोलिक निर्देशांक | 24°55′57″N 81°39′47″E / 24.932388°N 81.663045°Eनिर्देशांक: 24°55′57″N 81°39′47″E / 24.932388°N 81.663045°E |
विवरण
संपादित करेंयहां लगभग 2 हजार वर्ष पुराने बौद्ध स्तूप और लगभग 5 हजार वर्ष पुराने शैलचित्र गुफाएँ मौजूद है। देउर कोठार, रीवा-इलाहाबाद मार्ग के कटरा में स्थित है। यहां मौर्य कालीन मिट्टी ईट के बने 3 बडे स्तूप और लगभग 46 पत्थरो के छोटे स्तूप बने है। अशोक युग के दौरान विंध्य क्षेत्र में धर्म का प्रचार प्रसार हुआ और भगवान बौद्ध के अवशेषों को वितरित कर स्तूपों का निर्माण किया गया। यह क्षेत्र कौशाम्बी से उज्जैनी अवन्ति मार्ग तक जाने वाला दक्षिणापक्ष का व्यापारिक मार्ग था। इसी वजह से बौद्ध के अनुयायिओं ने यहां पर स्तूपों का निर्माण किया होगा। ऐसा कहा जाता है कि देउर कोठार में भरहुत से अधिक प्राचीन स्तूप है। यहां बौद्ध भिक्षू अत्यात्मिक स्थल बनाकर शिक्षा-दिक्षा और साधना करते रहे होगें इसके प्रमाण यहां मिलते है।
बौद्ध धर्म के अनुयायियों का विंध्यक्षेत्र शिक्षण केन्द्र था इसके प्रमाण देउर कोठार मे मिलते है। वर्ष 1999-2000 में इन स्तूपों की खोज हुई। तब यहां पर खुदाई के दौरान तोरणद्वार के अवधेश, मौर्य कालीन ब्राही लेख के अभिलेख, शिलापट्ट स्तंभ और पात्रखंड बडी संख्या में मिले। पुरानिधियों के अध्ययन से ज्ञात हुआ है कि यह स्तूप परिसर भरहुत, सांची के समान ही विशाल और विकसित रहा होगा। इतना ही नही यहां हजारों वर्ष पुराने शैलचित्र वाली गुफायें भी स्थित है। पत्थरों या ईंटों से बने 49 स्तूपों के अवशेष हैं। आसपास में पुरानी रॉक पेंटिंग के साथ चट्टानें हैं। कुछ चट्टानों में ब्राह्मी भाषा के शिलालेख हैं
चित्रदीर्घा
संपादित करेंइन्हें भी देखें
संपादित करेंसन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "Inde du Nord: Madhya Pradesh et Chhattisgarh Archived 2019-07-03 at the वेबैक मशीन," Lonely Planet, 2016, ISBN 9782816159172
- ↑ "Tourism in the Economy of Madhya Pradesh," Rajiv Dube, Daya Publishing House, 1987, ISBN 9788170350293