भरहुत
भरहुत भारत के मध्य प्रदेश राज्य में सतना जिले में स्थित एक गाँव है जो अपने प्राचीन बौद्ध स्तूप, कलाकृतियों एवं अन्य पुरातात्विक वस्तुओं के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ एक बौद्ध स्तूप के भग्नावशेष प्राप्त हुए हैं जिसका निर्माण सम्राट अशोक या पुष्यमित्र शुंग के काल में हुआ था। अलेक्जैंडर कनिंघम ने सर्वप्रथम 1873 ई. में इस स्थल का पता लगाया था। यहाँ से प्राप्त पुरातात्विक महत्व की कुछ वस्तुओं को कोलकाता के भारतीय संग्रहालय में तथा कुछ अन्य को प्रयागराज के संग्रहालय में रखा गया है।
भरहुत | |
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धर्म संबंधी जानकारी | |
सम्बद्धता | बौद्ध धर्म |
क्षेत्र | विन्ध्य पर्वतमाला |
चर्च या संगठनात्मक स्थिति | स्तूप के भग्नावशेष प्राप्त हुए हैं। |
निर्माण वर्ष | 300–200 BCE |
वर्तमान स्थिति | कलाकृतियाँ यहाँ से हटा दी गयीं हैं। |
अवस्थिति जानकारी | |
अवस्थिति | भारत |
ज़िला | सतना |
राज्य | मध्य प्रदेश |
भौगोलिक निर्देशांक | 24°26′49″N 80°50′46″E / 24.446891°N 80.846041°Eनिर्देशांक: 24°26′49″N 80°50′46″E / 24.446891°N 80.846041°E |
भरहुत के लाल पहाड़ के ऊपरी चोटी से बलालदेव का 14वीं शदी का प्रारंभिक देवनागरी में लेख मिला है जिससे यह सिद्ध होता है कि इसका महत्त्व इस समय तक था।
भरहुत का स्तूप अपने समय के समाज का दर्पण कहा जा सकता है। वर्तमान में भरहुत उजड़ चुका है।
चित्रावली
संपादित करें-
खुदाई के समय लिया गया एक चित्र
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माया (गौतम बुद्ध की माँ) के स्वप्न का चित्रण
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यक्षिणी, जो भोपल संग्रहालय में रखी है।
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एक चित्रवल्लरी में स्तूप का चित्र
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सिर पर पगड़ी और हाथ में फूल वाले एक पुरुष का चित्र
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एक स्त्री का चित्र
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एक हाथी के ऊपर और आसपास संगीत का आनन्द लेते हुए बन्दरों का चित्रण
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भूमिस्पर्शमुद्रा में बुद्ध की मूर्ति (सिरभग्न)
सन्दर्भ
संपादित करेंबाहरी कड़ियाँ
संपादित करें- भरहुत चित्रदीर्घा Archived 2021-11-14 at the वेबैक मशीन (भारतीय संग्रहालय, कोलकाता)