द्व्यार्थ्य
द्व्यार्थ्य या द्व्यर्थता या अनेकार्थता, (अंग्रेज़ी: Ambiguity) एक प्रकार का अर्थ है जिसमें एक वाक्यांश, कथन या संकल्प या विभेदन स्पष्ट रूप से परिभाषित नहीं किया जाता है, जिससे कई व्याख्याएँ स्वीकार्य हो जाती हैं। द्व्यार्थ्य का एक सामान्य पहलू अनिश्चितता है। इस प्रकार यह किसी भी विचार या कथन का एक गुण है जिसका अभीष्ट अर्थ किसी सीमित संख्या में चरणों वाले नियम या प्रक्रिया के अनुसार, निश्चित रूप से समाधानित नहीं किया जा सकता है। यह भाषाविज्ञान, दर्शनशास्त्र,प्राकृतिक विज्ञान, धर्म, साहित्य, गणित तथा संगीत में एक महत्त्वपूर्ण संप्रत्यय है।
द्व्यार्थ्य की अवधारणा को साधारणतः अस्पष्टता (vagueness ) के भिन्न माना जाता है। द्व्यार्थ्य में, विशिष्ट और भिन्न व्याख्याओं की अनुमति है (यद्यपि कुछ तुरन्त स्पष्ट नहीं हो सकते हैं), जबकि अस्पष्ट जानकारी के साथ, विशिष्टता के वांछित स्तर पर कोई व्याख्या करना कठिन है।