धधकी तारा (flare star) ऐसा परिवर्ती तारा होता है जो कभी-कभी बिना चेतावनी के अचानक कुछ मिनटों के लिये अपनी चमक को साधारण से बहुत अधिक बढ़ा दे। खगोलशास्त्रियों का अनुमान है कि यह प्रक्रिया हमारे सूरज के सौर प्रज्वालों के समान है और उन तारों के वायुमण्डल में एकत्रित चुम्बकीय ऊर्जा के कारण होती है। स्पेक्ट्रोस्कोपी जाँच से पता चला है कि चमक की यह बढ़ौतरी रेडियो तरंगों से लेकर एक्स रे तक पूरे वर्णक्रम (स्पेक्ट्रम) में देखी जा सकती है। सबसे पहले ज्ञात धधकी तारे वी१३९६ सिगनाए (V1396 Cygni) और एटी माइक्रोस्कोपाए (AT Microscopii) थे जिनकी खोज सन् १९२४ में हुई। सबसे अधिक पहचाने जाना वाला धधकी तारा यूवी सेटाए (UV Ceti) है, जो १९४८ में मिला था।[1]

अधिकतर धधकी तारे कम चमक वाले लाल बौने होते हैं हालांकि हाल में हुए अनुसन्धान में संकेत मिला है कि कम द्रव्यमान (मास) वाले भूरे बौने भी धधकने में सक्षम हो सकते हैं। कुछ दानव तारे भी धधकते हुए मिले हैं लेकिन यह उनके द्वितारा मंडल में होने से उनके साथी तारे के शक्तिशाली गुरुत्वाकर्षक खींचाव के कारण हुआ समझा जाता है। इसके अलावा सूरज से मिलते-जुलते ९ तारों में भी धधकन देखी गई है, जिसके बारे में खगोलशास्त्री समझते हैं कि यह उनके इर्द-गिर्द बृहस्पति जैसे भीमकाय ग्रह की बहुत ही समीपी कक्षा में उपस्थिति की वजह से है।[2]

इन्हें भी देखें संपादित करें

सन्दर्भ संपादित करें

  1. Schaefer, Bradley; King, Jeremy R.; Deliyannis, Constantine P. (February 2000). "Superflares on Ordinary Solar-Type Stars". The Astrophysical Journal. Astrophysical Journal. 529 (2): 1026. arXiv:astro-ph/9909188free to read. Bibcode:2000ApJ...529.1026S. doi:10.1086/308325.
  2. Rubenstein, Eric; Schaefer, Bradley E. (February 2000). "Are Superflares on Solar Analogues Caused by Extrasolar Planets?". The Astrophysical Journal. Astrophysical Journal. 529 (2): 1031. arXiv:astro-ph/9909187free to read. Bibcode:2000ApJ...529.1031R. doi:10.1086/308326.