धनतेरस
कार्तिक माह (पूर्णिमान्त) की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन समुद्र-मंन्थन के समय भगवान धन्वन्तरि अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे, इसलिए इस तिथि को धनतेरस या धनत्रयोदशी के नाम से जाना जाता है। भारत सरकार ने धनतेरस को राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया है।[1]
धनतेरस | |
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धनतेरस व्रत | |
आधिकारिक नाम | धनतेरस व्रत |
अनुयायी | हिन्दू, भारतीय, भारतीय प्रवासी |
तिथि | कार्तिक कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी |
जैन आगम में धनतेरस को 'धन्य तेरस' या 'ध्यान तेरस' भी कहते हैं। भगवान महावीर इस दिन तीसरे और चौथे ध्यान में जाने के लिये योग निरोध के लिये चले गये थे। तीन दिन के ध्यान के बाद योग निरोध करते हुये दीपावली के दिन निर्वाण को प्राप्त हुये। तभी से यह दिन धन्य तेरस के नाम से प्रसिद्ध हुआ।
प्रथा
संपादित करेंइस अवसर पर बर्तन खरीदने की परम्परा है। कहीं कहीं लोकमान्यता के अनुसार यह भी कहा जाता है कि इस दिन धन (वस्तु) खरीदने से उसमें तेरह गुणा वृद्धि होती है। इस अवसर पर लोग धनियाँ के बीज खरीद कर भी घर में रखते हैं। दीपावली के बाद इन बीजों को लोग अपने बाग-बगीचों में या खेतों में बोते हैं।[2]
धनतेरस के दिन चाँदी खरीदने की भी प्रथा है; जिसके सम्भव न हो पाने पर लोग चाँदी के बने बर्तन खरीदते हैं। लोग इस दिन दीपावली की रात लक्ष्मी, गणेश की पूजा हेतु मूर्ति भी खरीदते हैं।
धनतेरस की शाम घर के बाहर मुख्य द्वार पर और आंगन में दीप जलाने की प्रथा भी है। इस दिन घर से बाहर दक्षिण दिशा की ओर दीप जलाकर रखते हैं।
धनतेरस के सन्दर्भ में एक लोक कथा प्रचलित है कि एक बार यमदूतों ने यमराज से प्रश्न किया कि अकाल मृत्यु से बचने का कोई उपाय है क्या। इस प्रश्न का उत्तर देते हुए यम देवता ने कहा कि जो प्राणी धनतेरस की संध्या यम के नाम पर दक्षिण दिशा में दीया जलाकर रखता है उसकी अकाल मृत्यु नहीं होती है। इस मान्यता के अनुसार धनतेरस की संध्या लोग आँगन में यम देवता के नाम पर दीप जलाकर रखते हैं। इस दिन लोग यम देवता के नाम पर व्रत भी रखते हैं।
धन्वन्तरि
संपादित करेंधन्वन्तरि देवताओं के चिकित्सक है और चिकित्सा के देवता हैं, इसलिए चिकित्सकों के लिए धनतेरस का दिन बहुत ही महत्वपूर्ण होता है। कहा जाता है कि समुद्र मन्थन के समय भगवान धन्वन्तरि और माँ लक्ष्मी का जन्म हुआ था, यही कारण है कि धनतेरस को भगवान धन्वन्तरि और माँ लक्ष्मी की पूजा की जाती है । धनतेरस दिवाली के दो दिन पहले मनाया जाता है।[3]
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "धन्वंतरी जयंती राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस घोषित". मूल से 17 अक्तूबर 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 27 अक्तूबर 2016.
- ↑ Desk, India com Hindi News. "Dhanteras 2020 Date & Timing: आज या कल, किस दिन मनाया जाएगा धनतेरस , जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि". India News, Breaking News, Entertainment News | India.com. अभिगमन तिथि 2020-11-12.
- ↑ https://m.livehindustan.com/astrology/story-happy-dhanteras-2018-send-these-wishes-and-sms-images-and-dhanteras-shayari-to-your-friends-2251786.html