धरती पकड़ (शाब्दिक अर्थ: पृथ्वी को मुट्ठी में करना) भारतीय राजनीति के अद्भुत किरदारों के उपनाम है। ये भारत में कम से कम तीन व्यक्तियों के उपनाम है, जो शीर्ष राजनीतिक नेताओं के खिलाफ कई चुनावों में असफल रहे।

चुनावी राजनीति पर आधारित एक व्यंग्य टीवी शो में काका जोगिंदर सिंह को धरती पकड़ उपनाम से संबोधित किया गया था,[1] जबकि दो और व्यक्तियों को धरती पकड़ उपनाम से जाना जाता है। एक हैं भोपाल के एक कपड़ा व्यापारी मोहन लाल, जिन्होने पांच विभिन्न प्रधानमंत्रियों के खिलाफ चुनाव लड़ने और इन सभी चुनावों में जमानत जब्त कराने का रिकॉर्ड बनाया। कानपुर के नगरमल बाजोरिया भी अपने उपनाम धरती पकड़ के नाम से विख्यात हैं। उन्होने 278 से अधिक निर्वाचन क्षेत्रों से चुनाव लड़ने और चुनाव प्रचार के लिए गदहे का प्रयोग करने का रिकॉर्ड बनाया।[2]

भारतीय राजनीति में इस प्रकार के और भी कई अद्भुत किरदार हुये हैं जो बिना धरती पकड़ उपनाम के भी विख्यात हुये हैं,[3][4]किन्तु धरती पकड़ के नाम से केवल उपर्युक्त तीन व्यक्ति ही चर्चित रहे हैं। इन अद्भुत किरदारों को सांकेतिक रूप से एक व्यंग्य कथा का रूप देते हुये उपन्यासकर रवीन्द्र प्रभात ने धरती पकड़ निर्दलीय उपन्यास लिखा है, जो काफी चर्चा में रही हैं।[5]

  1. "The Miracle That Is India". Outlookindia.com. मूल से 5 मई 2007 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2013-11-28.
  2. "The Tribune, Chandigarh, India - Nation". Tribuneindia.com. मूल से 19 दिसंबर 2012 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2013-11-28.
  3. "हिन्दुस्तान टाइम्स, Date: May 8, 2007, Title: Lost 81 times, ready to take on PM". मूल से 25 जनवरी 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 28 नवंबर 2013.
  4. "समय लाइव, शीर्षक: अजमेर के 'धरती पकड़' हैं मुन्ना मारवाड़ी". मूल से 3 दिसंबर 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 28 नवंबर 2013.
  5. "अपनी माटी (वेब पत्रिका), नवंबर 2013, डॉ राम बहादुर मिश्र की समीक्षा, शीर्षक: व्यंग्य की धारदार भाषा है 'धरतीपकड़ निर्दलीय' उपन्यास में". मूल से 3 दिसंबर 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 28 नवंबर 2013.

बाहरी कड़ियाँ

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