धारण गोत्र
धरन एक जाट वंश (गोत्र) है।[1][2][3][4][5] 'धारीवाल', 'धालीवाल' 'धारंग' इसका एक हिस्सा है। समय बीतने के साथ ये अपभ्रंश हो गए। गुप्त वंश इसी धरन जाट वंश (गोत्र) के थे। [6][7][8][9] हालाँकि, इतिहासकार जे.एन. सिंह यादव कहते हैं कि धारण गोत्र न केवल जाटों में है, बल्कि वर्तमान हरियाणा, दिल्ली और राजस्थान राज्यों के यादवों का भी एक प्रमुख गोत्र है। जेएन सिंह आगे कहते हैं, प्रभावतीगुप्ता की मां कुबेरनागा का परिवार इस धारण गोत्र का था।[10]
पुस्तक
संपादित करें- पुस्तक : डॉ. कुलदीप राज दीपक द्वारा "भारत का इतिहास- प्राचीन और मध्यमालिन" [11]
संदर्भ
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- ↑ "Encyclopaedia of Jainism, Volume-1 By Indo-European Jain Research Foundation p.5537". मूल से 10 जनवरी 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 11 अगस्त 2021.
- ↑ Dharath Sharma, JBORS, vol. XXII, p. 227
- ↑ J.P. Fleet, CII, Vol. III, No. 14
- ↑ 'Ompal Singh Tugania':(Jat Samuday ke Pramukh Adhar Bindu),p.40,s.n. 967
- ↑ 'Rajasthan Ke Jaton Ka Itihas|Dr. Pemaram:Rajasthan Ke Jaton Ka Itihas', 2010, p.301
- ↑ Indian historian 'Dr K P Jaiswal'
- ↑ Dr Jaiswal saw in Chandsen, the hero of the play Kohmudi Mahotsava, the representation of Chanrdragupt I. He was called a ‘Karaskar’. According to Jaiswal, the Karaskar people lived in the Punjab.
- ↑ Corpus Inscriptionum Indicarum, Vol.V,1963,pp.7-8
- ↑ Studies in the Political and Administrative Systems in Ancient and Medieval, by By D.C. Sircar, p.33
- ↑ Yadav, J. N. Singh (2001). Yadavas of South India (अंग्रेज़ी में). Yadava Publications. पृ॰ 34.
- ↑ [[The book : “ Bharat ka Ithihaas- Prachin evam Madhyakalin,” by Dr. Kuldeep Raj Deepak, can be obtained from any education book shop or from the Publisher - Saravasti House Pvt Ltd, Educational Publishers, 3649 Chawri Bazaar Delhi 110 006, 2002 edition, Telephone: ( 011) 3260253, 3281022,3285568., Fax (011)3285569