धार्मिक राष्ट्रवाद (अंग्रेज़ी: religious nationalism) राष्ट्रवाद का किसी विशिष्ट धार्मिक विश्वास, हठधर्मिता, या सहबद्धता से सम्बन्धन है। इस सम्बन्धन को दो पहलुओं में तोड़ा जा सकता हैं: धर्म का राजनीतिकरण और धर्म का राजनीति पर प्रभाव।[1]

हिन्दू धर्म और राष्ट्रवाद संपादित करें

भारतीय जनसंख्या की व्यापक भाषिक, धार्मिक और संजातीय विविधता के मद्देनज़र,[2] भारत में राष्ट्रवाद, राष्ट्रवाद के एकलौते प्रकार के परिधि में सामान्यतः नहीं आता। भारतीय लोग अपने राष्ट्र के साथ नागरिक राष्ट्रवाद,[3] सांस्कृतिक राष्ट्रवाद, या तृतीय-विश्व राष्ट्रवाद के द्वारा तादात्म्य स्थापित कर सकते हैं। कुछ टिप्पणीकर्ताओं ने यह विचार अभिव्यक्त किया है कि आधुनिक भारत में, हिन्दू राष्ट्रवाद का एक समकालीन रूप, या हिन्दुत्व, भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के द्वारा अनुमुदित हुआ हैं, यद्यपि बहुसंख्यक भारतीयों द्वारा हिन्दू राष्ट्रवाद स्वीकृत नहीं हैं।[4]

बाहरी कड़ियाँ संपादित करें

सन्दर्भ संपादित करें

  1. (वीर गडरिया) पाल बघेल धनगर
  2. India, a Country Study Archived 2009-03-24 at the वेबैक मशीन,United States Library of Congress, Note on Ethnic groups
  3. [1] Archived 2016-12-17 at the वेबैक मशीन,"BBC Article, India's model democracy"
  4. van der Veer, Peter (1994). Religious nationalism: Hindus and Muslims in India. Berkeley, CA: University of California Press.

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