धीरूभाई ठाकर
डॉ धीरूभाई ठाकर (२७ जून १९१८ – २२ जनवरी २०१४) गुजराती विश्वकोश के संपादक और जाने-माने गुजराती साहित्यकार थे[1]
धीरूभाई को रणजीत राम स्वर्ण पद प्रदान किया गया था तथा वे गुजराती साहित्य परिषद के अध्यक्ष रह चुके थे।
परिचय
संपादित करेंधीरुभाई ठाकर का जन्म 27 जून 1918 को कोडिनार में हुआ था। उनके पिता लेखपाल के तौर नोकरी करते थे। मुंबई की सेंट जेवियर्स कालेज में उन्होंने शिक्षा प्राप्त् की थी। 1956 में पीएचडी कर वे मोडासा कॉलेज में आचार्य बने और शिक्षा के प्रति लोगों को जागृत किया।
कार्य
संपादित करेंधीरुभाई ने मणिलाल नभुभाई द्विवेदी जैसे साहित्कार के जीवनकथा तथा आत्मकथा लिखी। धीरुभाई ने प्रगति और परंपरा के नाम पर अहमदाबाद के उद्योगपति और समाजसेवी कस्तूरभाई लालभाई का जीवनचरित्र लिखा था। मणिलाल नभुभाई की साहित्य साधना, रस और रुचि, सांप्र साहित्य, प्रतिभा, विभावित्म, नाट्यकला नामक पुस्तक सहित उन्होंने कई संपादित-संकलित ग्रंथ भी लिखा था।[2]
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "Pioneer behind Gujarati Vishwakosh passes away at 96" [गुजराती विश्वकोश के मार्गदर्शक ९६ की आयु में चल बसे] (अंग्रेज़ी में). द टाइम्स ऑफ़ इण्डिया. २५ जनवरी २०१४. मूल से 23 फ़रवरी 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि १६ अप्रैल २०१४.
- ↑ "गुजराती साहित्यकार धीरुभाई ठाकर का निधन". मूल से 20 जून 2015 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 20 जून 2015.