चिरसम्मत विद्युत् चुम्बकीकी में ध्रुवण घनत्व (अंग्रेज़ी: Polarization density) या विद्युत ध्रुवीकरण या केवल ध्रुवण सदिश क्षेत्र है जो परावैद्युत क्षेत्र में स्थायी अथवा प्रेरित विद्युत द्विध्रुव आघूर्ण को आयतनीय घनत्व के रूप में व्यक्त करता है। जब किसी परावैद्युत् पदार्थ को विद्युत्-क्षेत्र में रखा जाता है तो उसके अणु विद्युत द्विध्रुव आघूर्ण प्राप्त कर लेते हैं और इसे ध्रुवण कहा जाता है।

किसी दिए गये परावैद्युत पदार्थ का विद्युत ध्रुवण को विद्युत् द्विध्रुव आघूर्ण (एसआई मात्रकों में यह सदिश राशि है जिसका मात्रक कूलाम-मीटर (C-m) होता है) और आयतन (घन मीटर) के भागफल के रूप में परिभाषित किया जाता है।[1][2] ध्रुवण घनत्व को गणितीय रूप में P द्वारा निरूपित किया जाता है;[2] और एसआई मात्रक में इसकी इकाई कूलाम प्रति वर्ग मीटर (C/m2) है।

ध्रुवण घनत्व से यह भी समझा जा सकता है कि कोई किसी पदार्थ को जब विद्युत क्षेत्र में रखा जाता है तो उसपर क्या प्रभाव पड़ता है। इसके अतिरिक्त पदार्थ को विद्युत क्षेत्र में रखने पर विद्युत् क्षेत्र में होने वाले परिवर्तन को बल की गणना से ज्ञात किया जा सकता है। इसकी तुलना चुम्बकन से की जा सकती है, जिसमें चुम्बकत्व में किसी पदार्थ के चुम्बकीय क्षेत्र के परिवर्तन का मापन करते हैं।

सन्दर्भ संपादित करें

  1. Introduction to Electrodynamics (3rd Edition), D.J. Griffiths, Pearson Education, Dorling Kindersley, 2007, ISBN 81-7758-293-3
  2. McGraw Hill Encyclopaedia of Physics (2nd Edition), C.B. Parker, 1994, ISBN 0-07-051400-3

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