नगेन सइकीया
नगेन सइकीया असमिया भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक कहानी–संग्रह आंधारत निजरमुख के लिये उन्हें सन् 1997 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया।[1]
नगेन सइकीया | |
---|---|
जन्म | 11 फरवरी 1939 गोलघाट , असम |
कब्र | डिब्रुगढ़, असम |
पेशा | • डिब्रूगढ़ विश्वविद्यालय में प्राध्यापक, • राज्य सभा सदस्य (1986 से 1992 टक) |
भाषा | असमिया |
राष्ट्रीयता | India |
नागरिकता | भारतीय |
उल्लेखनीय कामs | मितभाष (মিতভাষ) |
खिताब | साहित्य अकादमी पुरस्कार (1997) असम घाटी साहित्य पुरस्कार (2007) |
साहित्यिक जीवन
संपादित करेंवे लम्बे समय तक असम साहित्य सभा से जुड़े रहे। इसके भीतर उल्लेखयोग्य कार्य ये हैं-
- सह-सम्पादक (१९६६-७०),
- भाषाज्ञान परीक्षा और प्रकाशन के सचिव (१९७०-७१),
- कोषाधक्ष्य (१९७७-७८),
- प्रधान सम्पादक (१९७३-७६),
- प्रधान सम्पादक (१९८०-८५),
- शिशु ज्ञानकोष के सदस्य,
- ग्रन्थ बाछनि समिति,
- जातीय न्यास समिति,
- पत्रिका सम्पादना,
- साहित्य बँटा समिति,
- परिकल्पना और कार्यसूची समिति के सदस्य।
- कार्यवाहक समिति,
- बिश्वकोष प्रणयन समिति,
- बँटा निर्बाचक समिति,
- ग्रन्थ परिकल्पना समिति,
- प्रशासनीय संस्कार समिति के सदस्य।
इसके अतिरिक्त
साहित्य अकादमी के असमीया भाषा उपदेष्टा परिषद के सदस्य (१९७५-८५, १९९३-९८, २००३-०८), साधारण परिषद के सदस्य (१९९३-९८)। भारतीय लेखक संघ के सदस्य (१९७४), भारतीय भाषा समिति, सरस्वती सम्मान के सदस्य (१९९१-९४), उत्तर-पूर्व पार्वत्य विश्वविद्यालय के कर्टर सदस्य (१९९३-९६), डिब्रुगड़ विश्वविद्याबिलय में टाइ भाषा शिक्षा के सदस्य (१९९२-२००३), डिब्रुगड़ विश्वविद्यालय के कार्यवाही परिषद के सदस्य (१९८६-९१), प्रकाश आलोचनी सम्पादना समितिर उद्देश्य, संज्ञा आलोचनी के सम्पादना समिति के सदस्य (१९७५-७८), काव्यायालोचनी साम्प्रतिक के सम्पादक (१९७१), ब्रह्मपुत्र आलोचनी के मुख्य सम्पादक (१९८५), नाटकम के सभापति (१९६६-६८), राज्यिक संहति परिषद के सभापति (१९८७-९०), शिशु भारती के सभापति (१९८७-२००१), शंकरी संगीत विद्यापीठ के सभापति (१९९७)।
प्रकाशित पुस्तकें
संपादित करेंगवेषणामूलक
संपादित करें- Background Of Modern Assamese Literature (१९८८)
- चिन्ता आरु चिन्तामूलक चर्चा (१९८०)
- उनबिंश शतिकात असमीया भाषार संकट (१९८८)
- भारतर सांस्कृतिक ऐतिह्य आरु अन्यान्य रचना (१९९३)
- अग्निगर्भा असम (१९९३)
- असमीया कबिता आरु अन्यान्य बिषय (१९९६)
- गवेषणा पद्धति परिचय (१९९६)
- तुलनामूलक साहित्य बिचार (१९९६)
- असम साहित्य सभार सभापतिर अभिभाषण (१९९७-९८)
- सांबादिकता : एटि गधुर आरु पवित्र दायित्ब (२०००)
- एजन सन्त ताँतीर जीवन (२००१)
- ब्यक्तित्बर भास्कर्यर
- असमीया बर्णमालार (२००१)
- महेश्बर नेओग
- आनन्द चन्द्र बरुवा
- शङ्करदेव
गल्प साहित्य
संपादित करें- कुबेर हातीबरुवा (१९६७)
- छबि आरु फ्रेम (१९६९)
- बन्ध कोठात धुमुहा (१९७१)
- माटिर चाकि (१९७६)
- अस्तित्बर शिकलि (१९७६)
- अपार्थिव पार्थिव (१९८२)
- आन्धारत निजर मुख (१९९५) (बंगाली और हिन्दी भाषा में अनूदित)
- हेमन्त कालर एटि गधूलि (२००१)
भ्रमण कथा
संपादित करें- आमेरिकात दह दिन (१९८८)
- महाचीनर दिनलिपि (१९९४)
आत्मजीवनीमूलक ग्रन्थ-
- स्बप्न आरु स्मृतिर (प्रथम खण्ड)
- धूलिर धेमालि (२००२)
सम्पादित ग्रन्थ
संपादित करें- असम बन्धु (१९८४)
- चन्द्रधर बरुवा रचनावली- प्रथम खण्ड (१९७५)
- असमीय़ा गल्प कौमुदी (१९७४)
- साहित्यर बाद बैचित्र्य (२००३)
- प्रबन्ध सञ्चय़न (१९७८)
- अध्यय़न परिचय़ (१९७८)
- आधुनिक असमीया साहित्यर अभिलेख (१९७७)
- आधुनिक असमीया कबिता मञ्जरी (१९८५)
- श्रीश्री शंकरदेव (१९८५)
- आमार लिपि समस्या (१९७५)
- अध्ययन चक्र (१९७५)
- कीर्तन घोषा (१९७५)
- संगीत साधना (१९८६)
- शिक्षा समस्यात आलोकपात (१९७१)
- सेउजी पातर माजे माजे (१९६६)
- हितेश्बर बरुवा स्मृतिमाल्य (१९७६)
- अभिनय शेष ह’ल (१९८५)
- सर्बानन्द सिंह नगरर अभिज्ञान (१९८१)
- पद्मनाथ गोहाञि बरुवा स्मृतिग्रन्थ (१९७१)
- जोनाकी (२००१)
- चन्द्र कुमारर कबिता समग्र (१९९३)
- स्नातक कबिता चयन (१९९३)
- महेश्बर नेओग रचनावली : तृतीय खण्ड (१९९६)
- बेजबरुवा निर्बाचित रचना (१९९८)
- चिठि पालो पढ़ि चालो (२००१)
- बकुल बनर गीत (२००२)
- आमार ऐतिह्य आरु भण्डामि (२००७)
- मणिराम देवानर बुरञ्जी बिबेक रत्न (२००२)
- जटाय़ु (२००३)
- असमर सांस्कृतिक ऐतिह्य (२००५)
- बीरेन्द्र कुमार भट्टाचार्यर रामधेनुर सम्पादकीय़ (२००७)
- देवदत्त देव चरित्र (२००३)
- बरगीत (२००३)
- Assam And The Assamese Mind (1991)
- Gramitical Notes Of The Assamese Language by Dr. Nathan Brown, Revised P H Moore
- लक्ष्मीनाथ बेजबरुवार रचनावलीक छय़टा खण्डत प्रकाश। (२०११)
अनुवाद साहित्य
संपादित करें- Kashavsut by P. Machewe ( Sahitya Akademi) 1978 by S N Desai (नेशनल बुक ट्रस्ट)
बृहत् कर्म
संपादित करें- असमीय़ा मानुहर इतिहास (प्रायः दो हजार पृष्ठ)
- बङाली-असमीया अभिधान
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "अकादमी पुरस्कार". साहित्य अकादमी. मूल से 15 सितंबर 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 11 सितंबर 2016.