नाब्रो ज्वालामुखी एक मिश्रित ज्वालामुखी है जो पूर्वी अफ़्रीका के इरीट्रिया देश में स्थित है। भौगोलिक दृष्टि से यह अफ़र द्रोणी में स्थित है जो स्वयं महान दरार घाटी का एक हिस्सा है। नाब्रो ज्वालामुखी लाल सागर के काफ़ी पास पड़ता है। ठीक नाब्रो से दक्षिण में इथियोपिया में मल्लाहले नाम का एक ज्वालामुखी भी है।

नाब्रो
शीर्ष से: इरिट्रिया में स्थित नाब्रो के ज्वालामुख-कुण्ड की कृत्रिम-वर्णीय स्थलाकृतिक उभरी छवि, इसके नीचे मल्लाहले ज्वालामुखी का ज्वालामुख-कुण्ड जो कि इथियोपिया में स्थित है, जबकि सबसे नीचे सरकाली पर्वत का सोर्क एली ज्वालामुख-कुण्ड.
उच्चतम बिंदु
ऊँचाई2,218 मी॰ (7,277 फीट) [1]
निर्देशांक13°22′N 41°42′E / 13.37°N 41.70°E / 13.37; 41.70निर्देशांक: 13°22′N 41°42′E / 13.37°N 41.70°E / 13.37; 41.70[1]
भूगोल
राज्य/प्रांतER
भूविज्ञान
पर्वत प्रकारमिश्रित ज्वालामुखी
अंतिम विस्फोट2011[2]

सन् २०११ का विस्फोट

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नाब्रो एक लगभग मृत ज्वालामुखी माना जाता था क्योंकि पूरे इतिहास में कभी उसके फटने का कोई वर्णन नहीं है। फिर भी १३ जून २011 को आधी रात के ज़रा बाद कुछ हलके भूकम्पों के बाद यह ज्वालामुखी फट पड़ा। इस से निकलता राख और धुएं का बादल आसमान में १५ किमी की ऊंचाई तक उठ गया और सैंकड़ों किलोमीटर तक फैल गया। २५ जून तक इस विस्फोट के नतीजे में ६ लोगों की जाने जा चुकी थीं और यह पृथ्वी के वातावरण में मापी गयी सल्फर डाइआक्साइड की सबसे ज़्यादा मात्रा उगल चुका था।

  1. "Nabro". Global Volcanism Program. Smithsonian Institution. अभिगमन तिथि 2007-04-04.
  2. Dunphy, Mark (June 13, 2011). "Ash Cloud Spreads From Erupting Nabro Volcano In Eritrea". Irish Weather Online. मूल से 14 जून 2011 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि June 13, 2011.

इन्हें भी देखें

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