लद्दाख का नामग्याल राजवंश भागन नामक एक बास्गो राजा द्वारा स्थापित किया गया था। भागन ने लेह के राजा को पराजित करके लद्दाख को पुनः एकीकृत किया। उसने 'नामग्याल' (अर्थ : 'विजयी') की उपाधि धारण की और एक नया राजवंश चलाया जो अब भी अस्तित्व में है। इस वंश के राजा ताशी नामग्याल (1555-1575) ने मध्य एशिया के अधिकांश आक्रमणकारियों को पीछे धकेलने में सफलता पायी। इस राजा ने नामग्याल के शिखर पर एक राजमहल भी बनवाया। कुछ अल्प काल के लिए त्सेवांग नामग्याल का राज्य नेपाल तक पहुँच गया था।

लद्दाख का नामग्याल राजवंश
1460–1842 [[सिख साम्राज्य|]]
राजधानी निर्दिष्ट नहीं
धार्मिक समूह तिब्बती बौद्ध धर्म
शासन राजतंत्र
इतिहास
 -  स्थापित 1460
 -  अंत 1842
आज इन देशों का हिस्सा है: भारत
चीन
नेपाल
पाकिस्तान
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राजाओं की सूची संपादित करें

नामग्याल राजवंश के राजाओं के नाम एवं उनके शासनकाल नीचे दिए गए हैं।[1]

  1. ल्हाचेन भगन (Lhachen Bhagan) (1460-85 ई)
  2. अज्ञात (1485-1510 ई)
  3. लता जुघदान (c. 1510-35)
  4. Kunga Namgyal I (c. 1535-55)
  5. Tashi Namgyal (c. 1555-75) son
  6. Tsewang Namgyal (c. 1575-95) nephew
  7. Namgyal Gonpo (c. 1595-1600) brother
  8. Jamyang Namgyal (Jams-dbyang-rnam-rgyal, c. 1595-1616) brother
  9. Sengge Namgyal (Seng-ge-rnam-rgyal, first time, 1616–23) son
  10. Norbu Namgyal (1623–24) brother
  11. Sengge Namgyal (second time, 1624–42)
  12. Deldan Namgyal (Bde-ldan-rnam-rgyal,1642-1694) son
  13. Delek Namgyal (Bde-legs-rnam-rgyal, c. 1680-91) son
  14. Nyima Namgyal (1694-1729) son
  15. Deskyong Namgyal (1729–39) son
  16. Phuntsog Namgyal (1739–53) son
  17. Tsewang Namgyal (1753–82) son
  18. Tseten Namgyal (1782-1802) son
  19. Tsepal Dondup Namgyal (1802–37, 1839–40) brother
  20. Kunga Namgyal II (1840–42) grandson

सन्दर्भ संपादित करें

  1. Petech, Luciano (1977) The kingdom of Ladakh c. 950-1842 A.D. Roma: IsMEO, p. 171-2.

इन्हें भी देखें संपादित करें