नारायण राव पेशवा माधवराव पेशवा के छोटे भाई थे और उन्होंने 1772 ने अपने बड़े भाई माधवराव पेशवा की मृत्यु हो जाने के बाद हमारी परंतु कुछ ही वर्षों बाद 18 वर्ष की अवस्था में उन्हीं के छात्रों द्वारा उनकी हत्या करवा दी गई।