नारायणहिटी दरबार संग्रहालय
नारायणहिटी दरबार संग्रहालय नेपाल की राजधानी काठमांडू स्थित एक सार्वजनिक संग्रहालय है।[1]यह कैसर महल के पूर्व में और थमेल के बगल में स्थित है।[2]सन 2008 से पूर्व यह "नारायणहिटी दरबार" था जिसे सन २००६ की क्रान्ति के फलस्वरूप संग्रहालय में परिवर्तित कर दिया गया। [1]क्रांति से पहले यह महल नेपाल के राजा का निवास और प्रमुख कार्यस्थल था, तथा नेपाल के प्रमुख राजकीय कार्यक्रम यहीं पर आयोजित होते थे। [3][4][5]
नारायणहिटी दरबार संग्रहालय | |
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सामान्य विवरण | |
शहर | काठमांडू |
राष्ट्र | नेपाल |
निर्माणकार्य शुरू | 1963 ई. |
ग्राहक |
ढोकल सिंह बस्नयत राजा महेंद्र बीर शमशेर जंग बहादुर राणा |
स्वामित्व | नेपाल सरकार |
प्राविधिक विवरण | |
संरचनात्मक प्रणाली | ईंट और पत्थर |
आकार | 38 एकड़ (15 हे॰) या 753 रोपनीस |
योजना एवं निर्माण | |
वास्तुकार | बेंजामिन पोल्की |
वर्तमान महल-परिसर का निर्माण 1963 में राजा महेन्द्र द्वारा किया गया था। इसमें आंगनों, उद्यानों और इमारतों की एक प्रभावशाली श्रृंखला शामिल है।[2]
व्युत्पत्ति
संपादित करेंनारायणहिटी दो शब्दों नारायण (विष्णु) और हिटी (पानी की टोंटी) से मिलकर बना है। वस्तुतः इस महल के सामने ही विष्णु मंदिर है और परिसर में मुख्य प्रवेश द्वार के पूर्व में नेपाली ढंग की पानी की टोंटी है जिसे नेवाड़ी में 'हिटी' कहा जाता है। [6]
संदर्भ
संपादित करें- ↑ अ आ "Crown and scepter put on display at Narayanhiti Museum (in photos)". kathmandupost.com (अंग्रेज़ी में). अभिगमन तिथि 2019-12-30.
- ↑ अ आ JBR, PurushottamShamsher (2007). Ranakalin Pramukh Atihasik Darbarharu [Chief Historical Palaces of the Rana Era] (नेपाली में). Vidarthi Pustak Bhandar. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-9994611027. अभिगमन तिथि 1 January 2015.
- ↑ "Narayanhiti Palace Museum (Kathmandu) – 2019 All You Need to Know BEFORE You Go (with Photos)". TripAdvisor. अभिगमन तिथि 6 May 2019.
- ↑ "A peek inside the palace of Nepal's last monarchy". 27 May 2009. अभिगमन तिथि 6 May 2019 – वाया theguardian.com.
- ↑ Douglas, Ed (27 May 2009). "Nepal's royal palace opens to the public". अभिगमन तिथि 6 May 2019 – वाया theguardian.com.
- ↑ Death of Dharmadev by T.R. Vaidya, Contributions to Nepali Studies, Volume 8, Number 2, June 1981 (pp. 35-42), retrieved 6 December 2020