नारेड़ा गौत्र
नारेड़ा गौत्र मीणा समाज का गोत्र है, इस गोत्र की उत्पत्ति शेर अर्थात बाघ से जुड़ी हुई है, जिसे राजस्थानी भाषा में नाहर कहते हैं, इसी कारण इस गोत्र का नाम नारेड़ा पड़ा।[1]
नारेड़ा गोत्र वाले मीणाओं के गांव
संपादित करें- टोड़ी खोहरा (तहसील टोडाभीम जिला करौली)
- सवाई माधोपुर जिले का झोंपड़ा गांव
- सवाई माधोपुर जिले का जगमोंदा गांव
- सवाई माधोपुर जिले का बगीना गांव
- टोंक जिले का दत्तवास गांव
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ पीयर लेश्चर (१९९९). Firmes et entreprises en Inde [भारतीय कंपनी एवं कंपनियाँ] (फ़्रेंच में). करथाला एडिशन. पृ॰ 92. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 9782865379279. मूल से 19 दिसंबर 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 8 अगस्त 2015.