नीलाक्षी सिंह
नीलाक्षी सिंह (जन्म 17 मार्च 1978) हिन्दी की प्रसिद्ध उपन्यासकार, गद्यकार और अनुवादक हैं। बिहार के हाजीपुर में जन्मी नीलाक्षी ने 1998 में काशी हिन्दू विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में स्नातक की उपाधि प्राप्त की। स्नातक के दौरान ही उन्होंने कहानियाँ लिखना शुरू किया और उनकी पहली कहानी 1998 में प्रसिद्ध पत्रिका वागर्थ में प्रकाशित हुई। उनकी कहानी परिन्दे का इन्तज़ार सा कुछ ने उन्हें सुर्खियों में ला दिया और उसकी गिनती हिन्दी की श्रेष्ठ कहानियों में की जाने लगी। वर्तमान में ये भारतीय स्टेट बैंक में कार्यरत हैं।
जन्म | 17 मार्च 1978 हाजीपुर, बिहार, भारत |
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पेशा | लेखक |
भाषा | हिन्दी |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
वेबसाइट | |
neelakshisingh |
कृतियाँ
संपादित करेंकहानी संकलन
- परिंदे का इंतजार सा कुछ. नई दिल्ली: भारतीय ज्ञानपीठ. 2005. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 81-263-1113-4.
- परिंदे का इंतजार सा कुछ. नई दिल्ली: सेतु प्रकाशन प्राइवेट लिमिटेड. 2022. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-93-95160-06-3.
- जिनकी मुट्ठियों में सुराख था. नई दिल्ली: भारतीय ज्ञानपीठ. 2012. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-93-263-5004-4.
- जिनकी मुट्ठियों में सुराख था. नई दिल्ली: सेतु प्रकाशन प्राइवेट लिमिटेड. 2022. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-93-93758-08-8.
- जिसे जहां नहीं होना था. इलाहाबाद: साहित्य भंडार. 2014. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-81-7779-313-0.
- इब्तिदा के आगे खाली ही. पंचकुला: आधार प्रकाशन प्राइवेट लिमिटेड. 2016. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-81-7675-553-5.
उपन्यास
- शुद्धिपत्र. नई दिल्ली: भारतीय ज्ञानपीठ. 2008. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-81-263-1632-8.
- शुद्धिपत्र. नई दिल्ली: सेतु प्रकाशन प्राइवेट लिमिटेड. 2022. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-93-93758-22-4.
- खेला. नई दिल्ली: सेतु प्रकाशन प्राइवेट लिमिटेड. 2021. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-93-89830-57-6.
खेला को पाठकों और आलोचकों का समान रूप से सम्मान मिला और इसे आधुनिक उपन्यासों की कड़ी में एक नए स्वाद के आख्यान की तरह देखा गया। [1] [2] [3] [4] खेला उपन्यास के लिए इन्हें कलिंगा लिटेरेरी अवॉर्ड 2021 और वैली ऑफ वर्डस फिक्शन अवॉर्ड 2021 प्राप्त हुआ।
कथेतर
- हुकुम देश का इक्का खोटा. नई दिल्ली: सेतु प्रकाशन प्राइवेट लिमिटेड. 2021. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-93-95160-89-6.
इस पुस्तक के लिए इन्हें पहला सेतु पांडुलिपि सम्मान प्राप्त हुआ।
अनुवाद
- बरफ महल. नई दिल्ली: सेतु प्रकाशन प्राइवेट लिमिटेड. 2024. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-81-19899-26-5.-नीलाक्षी ने नॉर्वे के प्रसिद्ध लेखक थारयै वेसोस के कालजयी उपन्यास The Ice Palace का हिन्दी में अनुवाद किया है।
सम्मान
संपादित करेंसन्दर्भ
संपादित करें- ↑ https://www.firstpost.com/art-and-culture/book-review-khela-essentially-portrays-childhood-of-every-indian-amid-growing-capitalism-and-communalism-11279971.html
- ↑ https://hindi.news18.com/news/literature/book-review-literature-author-neelakshi-singh-novel-khela-review-hindi-shaitya-literature-ssnd-3932785.html
- ↑ https://www.asymptotejournal.com/interview/an-interview-with-geetanjali-shree/
- ↑ https://indianexpress.com/article/books-and-literature/year-in-books-yearender-2022-newsmakers-reading-suggestions-8328895/
- ↑ https://pib.gov.in/newsite/erelcontent.aspx?relid=4653
- ↑ https://books.katha.org/wp-content/uploads/2018/02/2005-2004.pdf
- ↑ https://indianexpress.com/article/books-and-literature/kalinga-literature-festival-book-awards-full-list-nominated-titles-7502338/
- ↑ https://www.valleyofwords.org/vow-book-awards-2022
- ↑ https://www.prabhatkhabar.com/prabhat-literature/neelakshi-singh-composition-hukum-desh-ka-ikka-khota-selected-for-the-first-setu-pandulipi-puraskar-rjh
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