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नेमनारायण जोशी राजस्थानी भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक संस्मरण ओळूंरी अखियातां के लिये उन्हें सन् 1996 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। श्री नेमनारायण जोशी का जन्म राजस्थान के नागौर जिले के डोडियाना ग्राम में 30 जुलाई 1925 को हुआ। जोधपुर से अध्ययन पूरा किया और सुखाड़िया विश्वविद्यालय उदयपुर में प्रोफेसर के पद पर कार्यरत रहे। आप की प्रमुख कृतियों में सुमित्रानंदन पंत का नवचेतना काव्य(शोध 1970), चिंतन अनुचिंतन (निबन्ध संग्रह)1975 मार्केंडेय कृत सज्जन विनोद(पांडुलिपि का पाठ सम्पादन) 1980 तथा ओळूंरी अखियातां(संस्मरण)1994 सम्मलित है [1]